गुलाबी पगड़ी- काला चश्मा, डर के मारे अमृतपाल बना 'बहुरूपया', 7 तस्वीरों के साथ सर्च कर रही पंजाब पुलिस
कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह करीब 4 दिनों बाद भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। अमृतपाल सिंह के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर और गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। उसकी मदद करने के आरोप में अब तक 154 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। लेकिन अमृतपाल रूप बदलकर बेहरूपिया हो गया है।
आलम यह है कि पुलिस को अमृतपाल सिंह की 7 तस्वीरें जारी करनी पडी हैं। जिनमें कुछ में उसने पगड़ी पहन रखी है तो कुछ में वो बगैर पगड़ी के है। जब वो फरार हुआ तो उस वक्त मर्सिडीज कार में था। बाद में वह एक ब्रेजा कार से भागता हुआ नजर आया।
गुलाबी पगड़ी और काला चश्मा : हाल ही में सोशल मीडिया पर सामने आई एक नई तस्वीर में अमृतपाल ने गुलाबी पगड़ी और काला चश्मा पहन रखा है। वो किसी के साथ बाइक पर पीछे बैठा है। उसके अलग अलग रूप और गेटअप से वो पुलिस को चकमा दे रहा है। कुल मिलाकर जो अमृतपाल पंजाब में खालिस्तान की मांग के साथ दहाड रहा था, वो अब पुलिस के डर से भगौड़ा बन गया है और भेष बदलकर यहां से वहां भाग रहा है।
पुलिस ने जारी की 7 तस्वीरें : मंगलवार को सोशल मीडिया पर सामने आए जालंधर टोल प्लाजा के एक अन्य सीसीटीवी फुटेज में अमृतपाल को ब्रेजा कार में देखा गया है। इस बीच पुलिस ने अलग-अलग पोशाक में अमृतपाल सिंह की 7 तस्वीरें भी जारी कीं और लोगों से उसका पता लगाने में मदद करने की अपील की। अलग-अलग एंगल में ये सात तस्वीरों के साथ उसका सर्च ऑपरेशन जारी है।
अमृतपाल के 4 मददगार गिरफ्तार : पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल के मुताबिक गिरफ्तार किए गए 4 लोगों ने एक एसयूवी में भगोड़े अमृतपाल को भागने में मदद की। पुलिस ने कहा कि इन चार लोगों से पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि अमृतपाल जालंधर के नंगल अंबियन गांव में एक गुरुद्वारे गया था। गिल ने कहा कि वहां उसने (अमृतपाल) अपने कपड़े बदले, शर्ट और पैंट पहनी और 2 बाइक पर तीन अन्य लोगों के साथ फरार हो गया।
बता दें कि अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और ड्राइवर हरप्रीत सिंह पर हथियार का डर दिखा जालंधर के उड्डोवाल गांव के सरपंच मनप्रीत सिंह के यहां शरण लेने के लिए एक अलग मामला दर्ज किया गया है। हरजीत सिंह को असम के डिब्रूगढ़ जेल में स्थानांतरित कर दिया गया और हरप्रीत ने जालंधर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
Written & Edited: By Navin Rangiyal