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Last Modified: नागपुर , सोमवार, 3 जून 2024 (22:27 IST)

BrahMos के पूर्व वैज्ञानिक को ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में उम्रकैद

BrahMos  के पूर्व वैज्ञानिक को ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में उम्रकैद - Former BrahMos scientist sentenced to life imprisonment for spying for ISI
नागपुर की जिला एवं सत्र अदालत ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को संवेदनशील जानकारी मुहैया कराने के आरोपी ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) के एक पूर्व वैज्ञानिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
पूर्व बीएपीएल के इंजीनियर पर भारतीय दंड संहिता और सख्त ओएसए के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने 4 साल तक बीएपीएल में काम किया था और उन पर आईएसआई को संवेदनशील तकनीकी जानकारी लीक करने का आरोप लगाया गया है।
 
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एमवी देशपांडे ने अपने आदेश में पूर्व वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 235 के तहत दोषी ठहराया।
 
अदालत ने उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) की धारा तीन और 5  के तहत दोषी पाया। उस पर 3,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है और ऐसा नहीं करने पर उन्हें 3 महीने के कठोर कारावास की सजा काटनी होगी।
 
विशेष लोक अभियोजक ज्योति वजानी ने बताया कि अदालत ने अग्रवाल को सरकारी गोपनीयता कानून के तहत आजीवन कारावास और 14 वर्ष के सश्रम कारावास (आरआईए) की सजा सुनाई तथा 3,000 रुपए का जुर्माना लगाया।
नागपुर में ब्रह्मोस के मिसाइल केंद्र के तकनीकी अनुसंधान खंड में कार्यरत अग्रवाल को 2018 में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सैन्य खुफिया और आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया था।
 
ब्रह्मोस एयरोस्पेस, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के मिलिट्री इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम (एनपीओ मशिनोस्ट्रोयेनिया) का संयुक्त उपक्रम है। इनपुट एजेंसियां
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