EVMHacking : अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट के दावे को चुनाव आयोग ने नकारा, कानूनी कार्रवाई पर विचार...
नई दिल्ली। अमेरिका में रह रहे एक साइबर विशेषज्ञ द्वारा भारत में इस्तेमाल की जा रही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) हैक करने के दावे के कुछ ही देर बाद सोमवार चुनाव आयोग ने ऐसी किसी संभावना से पूरी तरह इंकार किया और कहा कि वह ऐसा दावा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करने का विचार कर रहा है।
आयोग ने एक विज्ञप्ति में अमेरिकी हैकर द्वारा लंदन में आयोजित प्रेस वार्ता का जिक्र करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग अपनी इस बात पर कायम है कि देश में चुनावों के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली EVM के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
हम यह बात दोहराते हैं कि ईवीएम का विनिर्माण बेहद कड़ी निगरानी और सुरक्षा के तहत भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जाता है। वर्ष 2010 में बनी विशेषज्ञों की एक समिति की निगरानी में मानक प्रक्रिया के तहत हर चरण में इसकी जांच की जाती है।
आयोग ने कहा कि वह अलग से इस बात की जांच करेगा कि ईवीएम हैक करने का दावा करने वालों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी हैकर सैयद शूजा ने सोमवार को लंदन में एक प्रेस वार्ता करके EVM हैक करने का डेमो दिया और दावा किया कि उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम हैक किए थे। हालांकि पत्रकारों के सवालों के जवाब में साइबर एक्सपर्ट किसी तरह का सबूत पेश नहीं कर पाया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सैयद शूजा ने दावा किया कि भारतीय ईवीएम मशीनें हैक की जा सकती हैं और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम हैक की गई थी। हैकर ने ईवीएम में ट्रांसमीटर के जरिए कथित हैकिंग का दावा किया है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल काफी समय से ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि चुनाव में हार स्वीकार करने की बजाय विपक्षी दल बेवजह ईवीएम पर सवाल उठाते हैं।
चुनाव आयोग लगातार कहता रहा है कि उसके द्वारा इस्तेमाल की जा रही ईवीएम से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। एक बार उसने सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करने की खुली चुनौती भी दी थी, लेकिन किसी भी राजनीतिक दल ने यह चुनौती स्वीकार नहीं की। इसके बावजूद विपक्षी दल कहते रहे हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है।
विपक्षी दलों ने बनाई है समिति : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 19 जनवरी को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में आयोजित रैली में कई प्रमुख विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए थे और रैली के बाद मतदान के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ रोकने के बारे में सुझाव देने के लिए उन्होंने चार सदस्यीय समिति का गठन किया।
समिति में दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश चंद्र मिश्रा शामिल हैं। समिति के सुझाव चुनाव आयोग को सौंपे जाएंगे। (वार्ता)