महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में ईडी का बड़ा एक्शन, सह संस्थापक के परिसरों समेत कई राज्यों में की छापेमारी
Mahadev online betting app case : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से जुड़े धनशोधन मामले में बुधवार को ईजमाईट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी के परिसरों सहित कई राज्यों के विभिन्न ठिकानों पर फिर से छापे मारे। छापेमारी दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर सहित 55 स्थानों पर की गई। उन्होंने बताया कि ताजा कार्रवाई मामले में एकत्र किए गए कुछ नए साक्ष्यों के आधार पर की गई है। ईडी को संदेह है कि ऐप (एप्लीकेशन) के अवैध संचालन से प्राप्त कुछ आय को पिट्टी से जुड़ी संस्थाओं को अवैध रूप से हस्तांतरित किया गया।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि छापेमारी दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, चेन्नई और ओडिशा के संबलपुर सहित 55 स्थानों पर की गई। उन्होंने बताया कि ताजा कार्रवाई मामले में एकत्र किए गए कुछ नए साक्ष्यों के आधार पर की गई है। सूत्रों ने बताया कि छापे ऑनलाइन यात्रा बुकिंग मंच ईजमाईट्रिप के अध्यक्ष पिट्टी के दिल्ली स्थित परिसर पर भी मारे गए।
कंपनी को उनके प्रमोटर के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया मांगने के लिए भेजी गई ईमेल का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिला। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, ईजमाईट्रिप की स्थापना 2008 में पिट्टी बंधुओं- निशांत, रिकान्त और प्रशांत ने की थी।
ईडी को संदेह है कि ऐप (एप्लिकेशन) के अवैध संचालन से प्राप्त कुछ आय को पिट्टी से जुड़ी संस्थाओं को अवैध रूप से हस्तांतरित किया गया। महादेव सट्टेबाजी ऐप मामला तब सुर्खियों में आया था, जब संघीय जांच एजेंसी ने कुछ साल पहले दावा किया था कि छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ नेता और नौकरशाह इस ऐप से जुड़े अवैध संचालन और उसके बाद हुए मौद्रिक लेनदेन में कथित रूप से संलिप्त हैं।
इस मामले में पहले भी छापे मारे जा चुके हैं। ईडी ने अतीत में आरोप लगाया था कि महादेव ऑनलाइन बेटिंग (एमओबी) गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप के संबंध में उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के विभिन्न उच्च पदस्थ नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है। इस ऐप के दो मुख्य प्रवर्तक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इसी राज्य से हैं।
ईडी के मुताबिक, एमओबी ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के जरिए धन शोधन करने के लिए ऑनलाइन मंच की व्यवस्था करता है।
एजेंसी ने इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और कुल चार आरोप पत्र दाखिल किए हैं। ईडी ने 2,426 करोड़ रुपए की संपत्ति भी कुर्क या जब्त की है। संघीय एजेंसी को आशंका है कि यह गोरखधंधा करीब छह हजार करोड़ रुपए का है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour