नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित मनी लांड्रिंग मामले में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन 11 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की और उन्हें बुधवार को भी तलब किया।
राहुल गांधी (51) देर रात करीब साढ़े 11 बजे एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी के मुख्यालय से बाहर निकले। वे मंगलवार सुबह 11 बजकर 5 मिनट पर ईडी के मुख्यालय पहुंचे थे। उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी उनके साथ थीं।
अधिकारियों ने बताया कि कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद 11 बजकर 30 मिनट पर राहुल गांधी से पूछताछ शुरू की गई। करीब 4 घंटे की पूछताछ के बाद राहुल गांधी दोपहर लगभग 3 बजकर 30 मिनट पर बाहर निकले और इसके एक घंटे के बाद फिर से ईडी कार्यालय पहुंच गए।
उनका बयान धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत कई सत्रों में दर्ज किया गया और मंगलवार की पूछताछ के बाद ईडी अब तक उनसे करीब 21 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है।
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में 10 घंटे से अधिक समय बिताया था, जहां उनसे पूछताछ की गई थी और उनका बयान दर्ज किया गया था।
कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के दूसरे दिन भी विरोध-प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय से सटे इलाके में धारा 144 लागू कर रखी है।
मुख्य विपक्षी दल ने अपने नेता से ईडी की पूछताछ को असंवैधानिक और गांधी परिवार की विश्वसनीयता खत्म करने का प्रयास करार देते हुए दावा किया कि सरकार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष से परेशानी इसलिए है, क्योंकि उन्होंने किसानों, नौजवानों व मजदूरों के हक की आवाज उठाई है तथा कोरोना संकट एवं सीमा पर चीन की आक्रामकता को लेकर मोदी सरकार को घेरा है।
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि जांचकर्ताओं ने राहुल से पूछताछ के दौरान कई अवकाश लिए। इसी मामले में ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को पेश होने के लिए कहा है। सोनिया गांधी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अस्वस्थ हैं और फिलहाल सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं।
हिरासत में लिए गए कई नेता : कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े कथित धनशोधन के मामले में राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया।
मुख्य विपक्षी दल ने अपने नेता से ईडी की पूछताछ को असंवैधानिक करार देते हुए दावा किया कि सरकार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष से परेशानी इसलिए है, क्योंकि उन्होंने किसानों, नौजवानों, मजदूरों की आवाज उठाई तथा कोरोना संकट एवं सीमा पर चीन की आक्रमकता को लेकर मोदी सरकार को घेरा।
क्या बोले गहलोत : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का दुरुपयोग हो रहा है। लोग डरे हुए हैं। हालात बहुत गंभीर हैं...यह पूरे देश की भावना है कि जांच एजेंसियों का आतंक है...पूरा देश घबराया हुआ है। उन्होंने कहा कि ये लोग (सरकार) सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते क्योंकि यह (यंग इंडियन) गैर लाभकारी कंपनी है और उसमें कोई एक रुपये का लाभ नहीं ले सकता।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस मुख्यालय के चारों ओर छावनी बना दी गई। कांग्रेस नेताओं को घसीटा गया। कल भी दुर्व्यवहार हुआ था। उन्होंने कहा कि वे जेल में बंद कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए बदरपुर जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
कांग्रेस के अनुसार, मंगलवार को पुलिस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल, पार्टी के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, उप नेता गौरव गोगोई, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी सहित कई अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया।
वेणुगोपाल ने जारी किया वीडियो : वेणुगोपाल ने एक वीडियो जारी कर कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति के तहत कार्रवाई की जा रही है। कांग्रेस सच के साथ है। हम झुकने और डरने वाले नहीं हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने राहुल गांधी से पूछताछ के कानूनी आधार पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि क्या भाजपा के प्रवक्ता कृपया निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देंगे: पीएमएलए के तहत कौन सा 'अपराध' है, जिसकी ईडी ने जांच शुरू की है? किस पुलिस एजेंसी ने इस अपराध' के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है? प्राथमिकी कहां है? क्या आप हमें प्राथमिकी की प्रति दिखाएंगे?
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि जब कोई प्राथमिकी ही दर्ज नहीं है तो फिर पूछताछ के लिए कैसे बुलाया जा सकता है। यह पूरी कार्रवाई असंवैधानिक, दुर्भावनापूर्ण और प्रतिशोध की राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने सवाल किया कि आखि़र भाजपा के निशाने पर राहुल गांधी और कांग्रेस ही क्यों? क्या ईडी की कार्रवाई जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज़ को दबाने का षडयंत्र है?
सुरजेवाला ने दावा किया कि जब चीन ने हमारे देश की सरज़मीं पर जबरन कब्ज़ा किया और हमारे जवान शहीद हुए, तो देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि न कोई घुसा है, न कोई आया है। उस समय राहुल गांधी ने सरकार को इस झूठ पर घेरा और शहीद जवानों के लिए आवाज़ उठाई। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है।
उन्होंने कहा कि महंगाई से जनता को हो रही परेशानी पर राहुल गांधी ने लगातार सरकार को घेरा। पेट्रोल-डीज़ल हो, रसोई गैस हो, खाने-पीने के सामान हों, उन्होंने लगातार देश के मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा, गरीबों, छोटे दुकानदारों, छोटे व्यापारियों के पक्ष में जोरदार आवाज़ उठाई। इसलिए राहुल गांधी से परेशानी है।
उनके अनुसार कोरोना में जब सरकार ने अपनी ज़िम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया, उस समय राहुल गांधी ने न केवल सरकार को चेताया, बल्कि सरकार को देर से ही सही, कदम उठाने के लिए मजबूर किया। सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने देश के अन्नदाताओं की आवाज़ उठाई और तीन काले कानूनों को वापस लेने के लिए मोदी सरकार को मजबूर कर दिया, इसलिए उनसे इस सरकार को परेशानी है।
उन्होंने कहा कि देशवासियों, इस क्रोनोलॉजी को समझिए। मोदी सरकार ने बौखला कर इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट (ईडी) के पीछे छिपकर सत्यनिष्ठा की आवाज पर हमला बोला है। ये हमला विपक्ष की उस निर्भीक आवाज़ पर है, जो जनता के सवालों को सरकार के सामने दृढ़ता से रखती है, जो जनता के मुद्दों को भयमुक्त होकर उठा रही है। (इनपुट भाषा)