ED ने भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की संपत्ति कुर्क की
Diamond businessman Nirav Modi News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कहा कि उसने धनशोधन रोधी कानून के तहत भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की 29.75 करोड़ रुपये की नयी संपत्ति कुर्क की है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि संबंधित परिसंपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया है। इसने कहा कि ये परिसंपत्तियां बैंक जमा, भूमि और भवन के रूप में हैं। पंजाब नेशनल बैंक (PNB)के साथ दो अरब डॉलर की कथित धोखाधड़ी के मामले में 5 साल से अधिक समय से जांच कर रही एजेंसी ने पूर्व में नीरव मोदी की भारत और विदेश स्थित 2,596 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी।
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ब्रिटेन की जेल में बंद है नीरव : नीरव मोदी (53) वर्तमान में ब्रिटेन की जेल में बंद है और इस कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले के संबंध में भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी याचिका खारिज हो चुकी है। इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा भी की जा रही है।
मामले में मुख्य आरोपी नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी तथा अन्य के खिलाफ मुंबई में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की ब्रैडी हाउस शाखा में बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने तथा फर्जी गारंटी पत्र जारी करने के आरोप हैं। ईडी द्वारा इस मामले में धनशोधन के आरोपों की जांच की जा रही है।
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क्या कहा ईडी ने : नीरव को दिसंबर 2019 में मुंबई पीएमएलए अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। उसी वर्ष उसे लंदन में गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने कहा कि नीरव तथा उसके सहयोगियों की 692.90 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के प्रावधानों के तहत जब्त की गई है।
बैंकों को लौटाई संपत्ति : इसने बताया कि इसके अलावा, पीड़ित बैंकों-पीएनबी और संबंधित समूह बैंकों को 1052.42 करोड़ रुपए की संपत्ति सफलतापूर्वक वापस की गई है। ईडी ने कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की गई है और यह लंदन, ब्रिटेन में प्रगति पर है। इस साल की शुरुआत में, नीरव मोदी ने ब्रिटेन की एक अदालत में जमानत के लिए आवेदन किया था, लेकिन सातवीं बार इसे अस्वीकार कर दिया गया था।
एजेंसी ने कहा कि नीरव ने जमानत आदेश के खिलाफ ब्रिटेन उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया और फिलहाल वह ब्रिटेन में जेल में बंद है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala