मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Do the killers of Atiq-Ashraf have connection with Sundar Bhati gang?
Written By
Last Updated : सोमवार, 17 अप्रैल 2023 (14:22 IST)

क्या सुंदर भाटी गैंग से है अतीक-अशरफ के हत्यारों का कनेक्शन, जानिए क्या है तीनों का बैकग्रांउड

atique ahmed
नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों हमलावर का कनेक्शन भाटी गैंग से बताया जा रहा है। इसके साथ ही जानकारी आ रही है कि तीनों का अपराध से पुराना कनेक्शन है।बताया जा रहा है कि आरोपी लवलेश पर कई मामले दर्ज हैं। वहीं दूसरे आरोपी अरुण मौर्य उर्फ ​​कालिया पर हत्या का मुकदमा दर्ज है। सनी के कथित रूप से सुंदर भाटी गैंग के साथ कनेक्शन बताए जा रहे हैं।

बता दें कि पिछले शनिवार की देर रात को अतीक और उसके भाई को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाने के दौरान तीनों हमलावरों ने गोली मार दी थी। जिाके बाद दोनों की मौत हो गई थी।

घटना के बाद पुलिस ने बांदा निवासी लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ ​​सन्नी (23) और कासगंज से अरुण मौर्य (18) को गोली मारने के बाद गिरफ्तार कर लिया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, क्रॉस-फायर में लवलेश तिवारी को चोटें आईं, जिसके परिणामस्वरूप एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया।

क्या है तीनों का बैकग्राउंड
लवलेश तिवारी : लवलेश तिवारी पर गुंडागर्दी और मारपीट के मामले दर्ज हैं। वो एक साधारण परिवार से है। लवलेश के दो भाई पुजारी हैं। जबकि दूसरा अभी छात्र है। हालांकि, लवलेश आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है और कई बार जेल जा चुका है, जिसमें ईव-टीजिंग का मामला भी शामिल है। उस पर अवैध शराब बेचने और बांदा में शहर और बेबेरू पुलिस थानों में महिलाओं के साथ मारपीट और उत्पीड़न करने सहित कई आरोप हैं।

मोहित उर्फ ​​सनी : सनी पर किसी बड़े गिरोह से संबंध होने का शक है। बताया जा रहा है कि वो 6 महीने पहले जेल से छूटा था। उसने 12 साल पहले घर छोड़ दिया था और कुख्यात सुंदर भाटी गिरोह के लिए काम करता था। मोहित के पैतृक स्थान कुरारा के एक पड़ोसी, जिसे सनी के नाम से भी जाना जाता है, उन्होंने पीटीआई को बताया कि सनी पिछले एक दशक से इलाके में नहीं रह रहा था। वो अपराधिक मामले में हमीरपुर जेल में रह चुका है

अरुण मौर्य : अरुण मौर्य, जिसे कालिया के नाम से भी जाना जाता है, उसको तीन से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद किया गया है। जिसमें 2014-15 में एक जीआरपी कांस्टेबल की हत्या का मामला भी शामिल है और रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के मामले में शामिल होने के कारण उसने जेल में समय बिताया था।
Edited By Navin rangiyal