Cyclonic storm Remal wreaks havoc in West Bengal : पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान रेमल से 24 ब्लॉक (प्रखंड) और 79 नगर पालिका वार्ड में करीब 15000 घर प्रभावित हुए हैं जिनमें अधिकतर दक्षिणी तटीय इलाकों में हैं। तूफान के कारण हुए हादसों में 2 लोगों की मौत हो गई। तूफान के कारण बीती रात 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं।
1003 घर पूरी तरह ढह गए : अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 2,140 पेड़ उखड़ गए और बिजली के 337 खंभे भी गिर गए। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार कम से कम 14,941 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 13,938 आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं जबकि 1,003 पूरी तरह ढह गए हैं। अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने 2,07,060 लोगों को 1,438 सुरक्षित आश्रय गृहों में स्थानांतरित कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में चक्रवात से संबंधित घटनाओं में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और इसके तटीय क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है। राज्य आपदा प्रबंधन के एक अधिकारी ने कहा कि मध्य कोलकाता के एंटाली के बिबीर बागान इलाके में रविवार को लगातार बारिश के कारण दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलीं हवाएं : चक्रवाती तूफान रेमल ने पश्चिम बंगाल और उसके तटीय इलाकों में आधारभूत संरचना और संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया है। तूफान के कारण बीती रात 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं। इस चक्रवाती तूफान ने बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई।
'रेमल' से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में हुई क्षति को साफ तौर पर देखा जा सकता है। कोलकाता और राज्य के अन्य तटीय जिलों में झोपड़ियों की छत हवा में उड़ गईं, पेड़ उखड़ गई और बिजली के खंभे गिर गए, जिस कारण कोलकाता सहित राज्य के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई।
सप्ताह के पहले कार्य दिवस की सुबह कोलकाता के कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति देखी गई। वहीं सियालदह टर्मिनल स्टेशन से उपनगरीय ट्रेन सेवाएं कम से कम तीन घंटे के लिए आंशिक रूप से निलंबित रहीं, जिस कारण यात्रियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
तूफान से तटीय इलाकों में भारी तबाही : चक्रवाती तूफान 'रेमल' के मद्देनजर कोलकाता हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं 21 घंटे तक निलंबित रहने के बाद सोमवार सुबह बहाल हुईं। हवाई अड्डे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि स्थिति सामान्य होने में कुछ और समय लगेगा। इस चक्रवाती तूफान ने बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच के तटीय इलाकों में भारी तबाही मचाई। 'रेमल' के दस्तक देने की प्रक्रिया की शुरुआत रविवार रात साढ़े आठ बजे से शुरू हुई थी।
मौसम विभाग के मुताबिक, रेमल सुबह साढ़े पांच बजे कैनिंग से लगभग 70 किलोमीटर उत्तर पूर्व और मोंगला से 30 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान के और कमजोर होने के आसार हैं।
भारी बारिश के कारण राहत अभियानों में आ रही बाधा : सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। आपातकालीन सेवाएं प्रभावित क्षेत्रों में मलबा हटाने और बिजली बहाल करने के काम में जुटी हैं। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि लगातार भारी बारिश के कारण अधिकतर प्रभावित क्षेत्रों में इन अभियानों में बाधा आ रही है। अधिकारियों के मुताबिक, तूफान से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को भोजन, पेयजल और चिकित्सा सहायता प्रदान करते हुए राहत अभियान शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने लोगों से घरों के अंदर रहने और आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया है, क्योंकि कई हिस्सों में तेज बारिश जारी है।
कोलकाता में 146 मिलीमीटर बारिश दर्ज : एक मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि कोलकाता में रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से सोमवार को सुबह साढ़े पांच बजे के बीच 146 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक, कोलकाता में अधिकतम हवा की गति 74 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई, जबकि शहर के उत्तरी बाहरी इलाके दमदम में हवा की अधिकतम गति 91 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई।
शहर के सदर्न एवेन्यू, लेक प्लेस, चेतला, डीएल खान रोड, डफरिन रोड, बालीगंज रोड, न्यू अलीपुर, बेहाला, यादवपुर, गोलपार्क, हतीबागान, जगत मुखर्जी पार्क और कॉलेज स्ट्रीट के साथ-साथ साल्ट लेक क्षेत्र से सटे इलाकों में पेड़ उखड़ने की खबरें प्राप्त हुईं। 'रेमल' के प्रभाव से कोलकाता में करीब 68 और पास के सॉल्ट लेक व राजारहाट क्षेत्र में 75 पेड़ गिरे। (एजेंसियां) फोटो सौजन्य : यूएनआई
Edited By : Chetan Gour