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Last Updated : शनिवार, 29 जनवरी 2022 (13:50 IST)

पेगासस मामले में खुलासे से घिरी मोदी सरकार, कांग्रेस ने लगाया देशद्रोह का आरोप, भाजपा सांसद ने मांगा जवाब

पेगासस मामले में खुलासे से घिरी मोदी सरकार, कांग्रेस ने लगाया देशद्रोह का आरोप, भाजपा सांसद ने मांगा जवाब - congress attacks modi government in Pegasus case
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेगासस स्पाईवेयर से संबंधित अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक खबर का हवाला देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘देशद्रोह’ किया है।
 
अमेरिकी समाचार पत्र की खबर के अनुसार, 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पाईवेयर तथा एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी।
 
इस खबर को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस ख़रीदा था। फ़ोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है।'
 
अमेरिकी समाचार पत्र की खबर के अनुसार, 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पाईवेयर तथा एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी।

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'मोदी सरकार को न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे को खारिज करना चाहिए। इजरायली कंपनी एनएसओ ने 300 करोड़ रुपए में पेगासस बेचा। प्रथम दृष्टया यह लगता है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय और संसद को गुमराह किया है। क्या यह ‘वाटरगेट’ है?'
 
इस खबर को लेकर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल किया, 'मोदी सरकार ने भारत के शत्रु की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ ही युद्ध के हथियारों का उपयोग क्यों किया?'
 
उन्होंने कहा कि पेगासस का उपयोग गैरकानूनी जासूसी के लिए करना राष्ट्रद्रोह है। कानून से बढ़कर कोई नहीं है। हम सुनिश्चित करेंगे कि न्याय हो।
 
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि भाजपा सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई भारतीय नागरिकों के खिलाफ सैन्य श्रेणी के स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया, जिसके लिए उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।
 
सुप्रीम कोर्ट ने इज़रायली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए पिछले साल अक्टूबर में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था।
 
कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है।