नई दिल्ली। चुनाव सुधारों की वकालत करने वाले समूह एडीआर के अनुसार, भाजपा ने वित्त वर्ष 2019-20 में 4 हजार 847.78 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की, जो सभी राजनीतिक दलों में सर्वाधिक है, इसके बाद बसपा ने 698.33 करोड़ रुपए और कांग्रेस ने 588.16 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की है।
द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 2019-20 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की संपत्ति और देनदारियों के अपने विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय वर्ष के दौरान सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति क्रमशः 6,988.57 करोड़ रुपए और 2,129.38 करोड़ रुपए थी।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया कि सात राष्ट्रीय दलों में, सबसे अधिक संपत्ति भाजपा (4847.78 करोड़ रुपए या 69.37 प्रतिशत), बसपा (698.33 करोड़ रुपए या 9.99 प्रतिशत) और कांग्रेस (588.16 करोड़ या 8.42 प्रतिशत) द्वारा घोषित की गई थी।
एडीआर के मुताबिक 44 क्षेत्रीय दलों में से, शीर्ष 10 पार्टियों की संपत्ति 2028.715 करोड़ रुपए या उन सभी द्वारा घोषित कुल का 95.27 प्रतिशत थी।
क्षेत्रीय दलों सपा सबसे धनवान : वित्तीय वर्ष 2019-20 में, क्षेत्रीय दलों में, समाजवादी पार्टी द्वारा सबसे अधिक संपत्ति 563.47 करोड़ रुपए (26.46 प्रतिशत) घोषित की गई, इसके बाद टीआरएस ने 301.47 करोड़ और अन्नाद्रमुक ने 267.61 करोड़ रुपए की संपत्ति की घोषणा की।
वित्तीय वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति में सावधि जमा/एफडीआर का हिस्सा सबसे ज्यादा 1,639.51 करोड़ रुपए (76.99 प्रतिशत) था।
वित्तीय वर्ष के लिए एफडीआर/सावधि जमा श्रेणी के तहत, भाजपा और बसपा ने क्रमश: 3,253.00 करोड़ रुपए और 618.86 करोड़ रुपए की घोषणा की, जो सभी राष्ट्रीय दलों में पहले और दूसरे स्थान पर रहे, जबकि जबकि कांग्रेस ने 240.90 करोड़ रुपए इस श्रेणी में घोषित किए।
क्षेत्रीय दलों में सपा (434.219 करोड़ ), टीआरएस (256.01 करोड़), अन्नाद्रमुक (246.90 करोड़), द्रमुक (162.425 करोड़), शिवसेना (148.46 करोड़), बीजद (118.425 करोड़) जैसे राजनीतिक दल एफडीआर/सावधि जमा के तहत उच्चतम संपत्ति घोषित करने वालों में शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल देनदारी 134.93 करोड़ रुपए है। एडीआर के मुताबिक, राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2019-20 में 74.27 करोड़ रुपए की कुल देनदारियों की घोषणा की। राष्ट्रीय दलों ने उधार के तहत 4.26 करोड़ रुपए और अन्य देनदारियों के तहत 70.01 करोड़ रुपए की घोषणा की।
वित्त वर्ष 2019-20 में, कांग्रेस ने 49.55 करोड़ रुपए (66.72 प्रतिशत) की अधिकतम कुल देनदारियों की घोषणा की, उसके बाद एआईटीसी ने 11.32 करोड़ रुपए (15.24 प्रतिशत) की देनदारी की घोषणा की। उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में क्षेत्रीय दलों ने कुल 60.66 करोड़ रुपये की कुल देनदारी की घोषणा की।
एडीआर के विश्लेषण के मुताबिक, क्षेत्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2019-20 में उधार के तहत 30.29 करोड़ रुपए और अन्य देनदारियों के तहत 30.37 करोड़ रुपए की घोषणा की, जिसमें टीडीपी ने 30.342 करोड़ रुपए (50.02 प्रतिशत) की अधिकतम कुल देनदारियों की घोषणा की, इसके बाद डीएमके ने 8.05 करोड़ रुपए (13.27 प्रतिशत) की देनदारी की घोषणा की।