भ्रष्टाचार के आरोपी 21 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति
नई दिल्ली। सरकार ने आयकर विभाग के ऐसे 21 और अधिकारियों को मंगलवार को अनिर्वाय सेवानिवृत्ति दे दी जिन पर भ्रष्टाचार और अन्य आरोप हैं।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सूत्रों ने यहां बताया कि ग्रुप बी के आयकर अधिकारी (आईटीओ) स्तर के 21 अधिकारियों को जनहित में मौलिक नियम 56 (जे) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार और अन्य आरोप तथा केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पकड़े जाने के मामले चल रहे हैं। इनको लेकर अब तक कुल 85 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है, जिसमें से 64 वरिष्ठ कर अधिकारी शामिल हैं। उनमें से 12 आयकर विभाग के अधिकारी हैं।
जिन अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की गयी है उनमें राजमुंदरी में पदस्थ सीएच राजाश्री, विशाखापत्तनम में बी. श्रीनिवास राव, हैदराबाद में जी वेंकटेश्वर राव, विशाखापत्तनम में पी वेंकटेश्वर राव एवं श्रीमती लक्ष्मी नीरज, हजारीबाग में विनोद कुमार पाल एवं तरुण राय, मुंबई में पदस्थ सुश्री प्रीत बाबुकुट्टन, विजय कुमार कोहा एवं टीवी मोहन, ठाणे में पदस्थ अनिल मल्लेल एवं माधवी चव्हाण शामिल हैं।
इसी तरह आईटीओ मुख्यालय में पदस्थ एमडी जगदाले, राजकोट में राजेन्द्र सिंघल, गुजरात में जेबी सिंह, जोधपुर में आरके बोथरा एवं आरएस सिसोदिया, सवाई माधोपुर में पदस्थ के एलमीना, बीकानेर में फुलवरिया, उज्जैन में अजय विरेह और भोपाल में पदस्थ आरसी गुप्ता शामिल हैं।