दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। आईएमडी के मुताबिक उन्होंने बताया कि दिल्ली में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 23.1 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक था। पहाड़ी इलाकों में जहां बर्फबारी का आलम है, वहीं राजधानी दिल्ली में अगले सप्ताह हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है।
विभाग ने बताया कि 23 और 24 जनवरी को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर तेज सतही हवाएं चल सकती हैं। आईएमडी ने दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए पूर्वानुमान लगाया है कि 23 जनवरी को छिटपुट स्थलों पर हल्की बारिश हो सकती है और 24 से 27 जनवरी के बीच विस्तृत क्षेत्र में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती हैं।
मौसम विज्ञान कार्यालय ने बताया कि शनिवार को आमतौर पर आसमान साफ रहेगा और न्यूनतम व अधिकतम तापमान क्रमश: 10 डिग्री और 23 डिग्री के आसपास रह सकता है। उन्होंने बताया कि अगले पांच दिनों में उत्तर भारत को शीत लहर से राहत मिलेगी।
आईएमडी ने कहा कि अन्य सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के 20 जनवरी की रात से 26 जनवरी तक पश्चिमी हिमालीय क्षेत्र के प्रभावित करने की आशंका है और इसका प्रभाव 23 से 25 दिसंबर को पश्चिमोत्तर के मैदानों पर देखने को मिलेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 20 से 22 जनवरी के बीच हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश और बर्फबारी हो सकती है एवं 23 से 26 जनवरी के बीच पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव बढ़ेगा।
पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी और बारिश : उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण शुक्रवार को बर्फबारी और हल्की बारिश हुई, जिससे सड़कों पर आवाजाही बंद हो गई और उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ। वहीं, मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान में वृद्धि देखी गई।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार सुबह न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। हरियाणा के अंबाला में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि हिसार में न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रोहतक में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस, करनाल में 9.7 डिग्री सेल्सियस, सिरसा में 9.2 डिग्री सेल्सियस और कुरुक्षेत्र में 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि नारनौल में ठंड का प्रकोप जारी रहा, जहां न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पंजाब के अमृतसर और लुधियाना में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस, पटियाला में 8.6 डिग्री सेल्सियस, पठानकोट में 10.5 डिग्री सेल्सियस, फरीदकोट में 9.5 डिग्री सेल्सियस और मोहाली में 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दूसरी ओर बठिंडा में न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह नौ बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 277 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई गंभीर माना जाता है।
कश्मीर में बर्फबारी से यातायात ठप : कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में शुक्रवार को ताजा बर्फबारी होने से श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया और घाटी से आने-जाने वाली उड़ानें भी प्रभावित हुईं। पहलगाम और गुलमर्ग के साथ-साथ अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, बडगाम, कुपवाड़ा, गांदरबल और श्रीनगर के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई। बर्फबारी और कम दृश्यता के कारण श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ानें प्रभावित हुईं।
कश्मीर में न्यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन पूरी घाटी में पारा जमाव बिंदु से नीचे रहा। बृहस्पतिवार रात श्रीनगर का न्यूनतम तापमान शून्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। वहीं, काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा।
कश्मीर में अभी चिल्लई-कलां का दौर जारी है। यह 40 दिन तक चलता है, जिसमें कश्मीर घाटी में शीतलहर चलने के साथ ही तापमान में काफी गिरावट दर्ज की जाती है। इस अवधि में बर्फबारी की प्रबल संभावना रहती है, खासकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती है। चिल्लई-कलां का दौर 30 जनवरी को समाप्त होगा और उसके बाद 20 दिन का चिल्लई-खुर्द शुरू होगा व इस दौरान भी कश्मीर घाटी में शीतलहर जारी रहेगी। फिर 10 दिन का चिल्लई बच्चा का दौर रहेगा, तब घाटी में ठंड में कमी आने लगेगी।
हिमाचल में बर्फबारी : हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भी शुक्रवार को हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई, जबकि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य भर में रुक-रुककर बारिश होने से 278 सड़क मार्गों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। कुल्लू में जलोड़ी जोत और रोहतांग दर्रे में क्रमशः 60 और 45 सेंटीमीटर, जबकि अटल सुरंग के दक्षिण छोर और चैंसल में 30-30 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई।
चुडधर और डोडरकवार में 25 सेंटीमीटर, खदराला में 16 सेंटीमीटर और शिमला में जाखू चोटी तथा कुफरी के आसपास के क्षेत्रों में तीन से 10 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। मनाली, गोहर और टिंडर में क्रमश: 16 मिलीमीटर, 11 मिलीमीटर और 8.3 मिलीमीटर पानी बरसा, जबकि नाहन और भुंतर में 5.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।