बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। यह जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख कुमार के विपक्षी इंडिया गठबंधन का पिछले महीने साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने और भाजपा के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने के बाद, दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी। कुमार ने दोहराया कि वे अब फिर राजग का साथ नहीं छोड़ेंगे।
मोदी के साथ अपनी बैठक के बाद, कुमार ने गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की तथा माना जाता है कि उन्होंने बिहार से संबंधित कई शासन और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की।
जदयू प्रमुख कुमार ने बाद में पत्रकारों से संक्षिप्त टिप्पणी में, 2013 में भाजपा के साथ संबंध तोड़ने से पहले, 1995 से भाजपा के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और कहा कि उन्होंने इसे दो बार छोड़ा होगा, लेकिन अब ऐसा कभी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "अब कभी नहीं। हम यहीं (राजग में) रहेंगे।"
यह बैठक कुमार के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत का सामना करने से पांच दिन पहले हुई है।
कुमार ने आठ मंत्रियों के साथ शपथ ली थी, जिनमें भाजपा और जदयू के तीन-तीन मंत्री शामिल थे और मंत्रिपरिषद का विस्तार होना है।
दोनों दलों को लोकसभा चुनाव से पहले कई पेचीदा राजनीतिक मुद्दों से निपटना होगा, जिसमें उनके और उनके छोटे सहयोगियों के बीच चुनाव लड़ने के लिए संसदीय सीटों का वितरण भी शामिल है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और जदयू ने बिहार में 17-17 सीट पर चुनाव लड़ा था, जबकि तत्कालीन लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने छह सीट पर चुनाव लड़ा था। लोजपा अब दो गुटों में विभाजित है। राजग में अब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि एक विचार यह भी है कि कुमार चाहते हैं कि बिहार विधानसभा को भंग कर दिया जाए ताकि इसका चुनाव अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ हो सके, लेकिन हो सकता है कि भाजपा, इस विचार के प्रति उतनी उत्साहित नहीं हो। विधानसभा में भाजपा की सीट संख्या जदयू से अधिक है।
सीट-बंटवारे के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर, कुमार ने इसे अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि भाजपा नेता इससे अवगत हैं। बिहार में राज्यसभा की छह सीट खाली हो रही हैं, जिनके लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है। भाषा