क्या मणिपुर हिंसा में है चीन का हाथ?
Manipur Violence : मणिपुर के बिश्नुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारियों की गोलीबारी में कम से कम 2 ग्राम स्वयंसेवक मारे गए। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है। इस बीच संजय राउत ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि मणिपुर हिंसा में चीन का हाथ है। उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की।
पुलिस के अनुसार, बिश्नुपुर के खोइजुमंतबी गांव में यह घटना तब हुई जब ग्राम स्वयंसेवक अस्थायी बंकर से इलाके की रखवाली कर रहे थे। खबर मिलने तक भारी गोलीबारी जारी थी। अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई।
क्या बोले संजय राउत : संजय राउत ने कहा कि मणिपुर हिंसा में चीन का हाथ है, चीन मणिपुर में घुस गया है उस पर हमला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम एन बीरेन सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।
इंफाल पश्चिम में पाबंदियों में ढील : हिंसा प्रभावित मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत लागू पाबंदियों में रविवार को ढील दी गई।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट एन जॉनसन मीतेई द्वारा एक अधिसूचना के अनुसार, इंफाल पश्चिम जिले के सभी क्षेत्रों में आम लोगों के घरों से बाहर निकलने पर लगाए गए प्रतिबंध में रविवार दो जुलाई को सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक ढील दी जाती है।
अधिसूचना के अनुसार, जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में सुधार आने के बाद यह फैसला लिया गया है। लोगों को दवाएं तथा खाद्य सामग्री समेत आवश्यक सामान खरीदने के लिए भी पाबंदी में ढील दिए जाने की आवश्यकता है।
पूर्वोत्तर राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी।
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।