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Last Updated : गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021 (01:27 IST)

केंद्र सरकार ने Twitter से 257 अकाउंट डिएक्टीवेट करने को कहा

केंद्र सरकार ने Twitter से 257 अकाउंट डिएक्टीवेट करने को कहा - Central government asked Twitter to deactivate 257 accounts
नई दिल्ली। टि्वटर ने बुधवार को कहा कि किसानों के प्रदर्शन को लेकर भ्रामक और भड़काऊ विषयवस्तु का प्रसार रोकने के सरकार के निर्देश के तहत उसने 500 से ज्यादा अकाउंट पर रोक लगा दी है और कुछ को ब्लॉक कर दिया है। सरकार ने पिछले महीने किसानों के आंदोलन के संबंध में ट्वीट को लेकर 257 अकाउंट पर रोक लगाने के लिए कहा था। इस पर कदम उठाते हुए टि्वटर ने कुछ घंटे के लिए रोक लगाकर फिर से इसे बहाल कर दिया था।

टि्वटर ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि भारत सरकार द्वारा देश में कुछ अकाउंट को बंद करने के निर्देश के तहत उसने कुछ अकाउंट पर रोक लगाई है। नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के टि्वटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा।

हालांकि सरकार ने मुद्दे पर सूचना प्रौद्योगिकी सचिव के साथ वार्ता के पहले ब्लॉगपोस्ट प्रकाशित करने के टि्वटर के कदम को ‘असामान्य’ कदम बताया। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने देश में विकसित सोशल नेटवर्किंग साइट ‘कू’ पर अपने जवाब में कहा कि सरकार के साथ बैठक के लिए टि्वटर के अनुरोध पर सूचना और प्रोद्यौगिकी, सचिव टि्वटर के वरिष्ठ प्रबंधकों के साथ बातचीत करने वाले थे। इस आलोक में वार्ता के पहले ब्लॉगपोस्ट प्रकाशित करना असामान्य कदम है।

‘कू’ पर पोस्ट में कहा गया है कि सरकार जल्द ही अपना जवाब साझा करेगी। टि्वटर को टक्कर देने के लिए ‘कू’ की शुरुआत की गई है। टि्वटर ने बुधवार को ब्लॉगपोस्ट में कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी अधिकार का समर्थन करना जारी रखेगी और इसके लिए वह भारतीय कानून के तहत टि्वटर एवं प्रभावित खातों, दोनों के लिए विकल्प तलाश करने की सक्रियता से कोशिश कर रही है।

सरकार ने चार फरवरी को टि्वटर से ऐसे 1178 अकाउंट पर रोक लगाने को कहा, जिनका जुड़ाव पाकिस्तानी और खालिस्तानी समर्थकों के साथ पाया गया है और जिनसे किसानों के प्रदर्शन के संबंध में भ्रामक और भडकाऊ सामग्री साझा की गई। कुल मिलाकर टि्वटर ने 1,000 से ज्यादा अकाउंट पर कार्रवाई की है। इनमें से 500 पर सरकार ने रोक लगाने की मांग की थी। कंपनी ने बाकी 500 पर भ्रामक विषयवस्तु प्रसारित करने वाला अकाउंट मानकर कार्रवाई की है।

इसके बाद सरकार ने आदेश का पालन नहीं होने का नोटिस जारी किया और कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है। इस बारे में रुख स्पष्ट करने की मांग पर टि्वटर ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि नुकसानदेह सामग्री वाले हैशटैग की दृश्यता घटाने के लिए उसने कदम उठाए हैं, जिनमें ऐसे हैशटैग को ट्रेंड करने से रोकना एवं ‘सर्च’ के दौरान इन्हें देखने की अनुशंसा नहीं करना शामिल है।

टि्वटर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी इन उपायों को लागू करने की जानकारी दे दी है।
टि्वटर ने रेखांकित किया कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सभी आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है। इनमें टि्वटर के नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट को स्थाई रूप से बंद करने का कदम भी शामिल है।

टि्वटर ने कहा, आज हमने अकाउंट को बंद करने के आदेश में चिह्नित अकाउंट के एक हिस्से पर हमारी विषयवस्तु नीति के तहत केवल भारत में ही रोक लगाई है। ये अकाउंट भारत से बाहर उपलब्ध रहेंगे।माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने उन अकाउंट की जानकारी नहीं दी, जिन पर कार्रवाई की गई है।

टि्वटर ने कहा कि उसने मीडिया संस्थानों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं एवं राजनेताओं के अकाउंट पर कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि हम नहीं मानते कि जिस तरह की कार्रवाई के निर्देश हमें दिए गए हैं, वह भारतीय कानून और अभिव्यक्ति की रक्षा करने के हमारे सिद्धांत के अनुरूप है। कंपनी ने तर्क दिया कि ऐसा करना भारतीय कानून में मिले अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन होगा।

टि्वटर ने कहा, हम टि्वटर पर होने वाली स्वस्थ चर्चा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और मजबूती से मानते हैं कि ट्वीट का प्रवाह जारी रहना चाहिए। टि्वटर ने जोर देकर कहा कि वह मानती है कि मंच पर स्वस्थ सार्वजनिक बहस को प्रोत्साहित करने एवं भरोसा जीतने के लिए पारदर्शिता आधार है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने कहा कि यह अहम है कि लोग समझें कि कैसे सामग्री में संतुलन एवं दुनियाभर की सरकारों से संवाद वह बनाती है।

टि्वटर ने कहा, स्वतंत्र इंटरनेट एवं अभिव्यक्ति के पीछे के मूल्यों पर पूरी दुनिया में खतरा बढ़ रहा है। टि्वटर उन आवाजों को ताकत देने के लिए है, जिन्हें सुना जाना चाहिए और हम अपनी सेवाओं में लगातार सुधार करना जारी रखेंगे, ताकि सभी (विचारों एवं रवैए से परे) सार्वजनिक बहस में हिस्सा बनने में सुरक्षित महसूस कर सके।(भाषा)
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