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Last Modified: बुधवार, 16 जून 2021 (21:01 IST)

भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ CBI की नई चार्जशीट, सबूतों से हेराफेरी के लगे आरोप

भगोड़े मेहुल चोकसी के खिलाफ CBI की नई चार्जशीट, सबूतों से हेराफेरी के लगे आरोप - cbi new chargesheet against mehul choksi allegations of misappropriation of evidence
नई दिल्ली। सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक (CBI) घोटाले में अपनी जांच में पता लगाया है कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के स्वामित्व वाली कंपनियों ने कथित रूप से फर्जी वचन पत्रों (लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग) और विदेशी साख पत्रों (फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट) का इस्तेमाल कर पीएनबी से 6,344.96 करोड़ रुपए हासिल किए।
 
सीबीआई ने पिछले सप्ताह मुंबई में एक विशेष अदालत में पूरक आरोपपत्र में ये बातें कही हैं। एजेंसी ने कहा कि पीएनबी के कर्मचारियों ने कथित रूप से चोकसी से हाथ मिलाकर बैंक के साथ बेइमानी की। इसमें भगोड़े पर पहली बार सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है। पूरक आरोप पत्र में चोकसी पर धारा 201 (सबूत नष्ट करना), और धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया है।
 
एजेंसी के अनुसार पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा (मुंबई) में अधिकारियों ने मार्च-अप्रैल 2017 के दौरान 165 वचन-पत्र (एलओयू) और 58 विदेशी साख पत्र (एफएलसी) जारी किए थे जिनके आधार पर 311 बिलों में छूट दी गई। बिना किसी पाबंदी सीमा या नकदी सीमा के चोकसी की कंपनियों को ये पत्र जारी किए गए।
 
एलओयू, बैंक द्वारा उसके ग्राहक की ओर से किसी विदेशी बैंक को दी गई गारंटी होती है। अगर ग्राहक विदेशी बैंक को पैसा नहीं लौटाता तो देनदारी गारंटर बैंक की होती है। सीबीआई के पूरक आरोपपत्र में आरोप हैं कि जब आरोपी कंपनियों ने कथित फर्जी एलओयू और एफएलसी के आधार पर अर्जित राशि का भुगतान नहीं किया तो पीएनबी ने विदेशी बैंकों को बकाया ब्याज समेत 6,344.97 करोड़ रुपए का भुगतान किया।
 
पीएनबी ने चोकसी पर उसके साथ 7,080 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि मामले में अभी जांच चल रही है और बैंक को हुए नुकसान का अंतिम आंकड़ा सारे एलओयू के अध्ययन तथा जांच पूरी होने के बाद ही पता चल सकता है।
 
सीबीआई ने इस मामले में अपने पहले आरोप-पत्र में नामजद 18 आरोपियों के अलावा पूरक आरोपपत्र में चार नए आरोपियों के नाम शामिल किए हैं। इनमें गीतांजलि समूह की कंपनियों के पूर्व अंतरराष्ट्रीय प्रमुख सुनील वर्मा, पीएनबी के दो अधिकारी सागर सावंत तथा संजय प्रसाद और समूह के तहत आने वाले ब्रांड जिली और नक्षत्र के निदेशक धनेश सेठ हैं।
 
चोकसी और उसकी कंपनियों के खिलाफ मामले में प्रथम आरोपपत्र दायर किये जाने के तीन साल से अधिक समय बाद पूरक आरोप-पत्र ऐसे समय में दायर किया गया है जब भगोड़े हीरा कारोबारी चोकसी के खिलाफ डोमिनिका की अदालत में कानूनी कार्यवाही चल रही है। चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमयी तरीके से गायब होने के बाद 24 मई को डोमिनिका में अवैध प्रवेश के मामले में गिरफ्तार किया गया था।  
 
चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि तीन साल के बाद पूरक आरोपपत्र दायर किया जाना दर्शाता है कि यह केवल उन विसंगतियों को ढकने की कोशिश है जिन्हें बचाव पक्ष ने पहले आरोप-पत्र में इंगित किया था। 
 
अब सबूतों को नष्ट करने के लिए आईपीसी की धारा 201 को जोड़ना कानूनी रूप से स्वीकार्य नहीं है क्योंकि कोई दस्तावेज अदालत में दाखिल किए जाने के बाद ही साक्ष्य बनता है और आरोप प्राथमिकी से काफी पहले की अवधि के हैं। चोकसी पीएनबी घोटाला सामने आने से कुछ सप्ताह पहले जनवरी, 2018 में भारत से फरार हो गया था और तब से एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा है। (इनपुट भाषा)
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