संसद में सुरक्षा चूक : नीलम की गिरफ्तारी से परिजन भी हैरान, मां ने कहा- नौकरी की हताशा में उठाया कदम
Case of security lapse in Parliament : संसद भवन के बाहर बुधवार को प्रदर्शन के दौरान कनस्तर का इस्तेमाल कर पीला और लाल रंग का धुआं फैलाने वाली महिला के इस कदम से उसके परिजन भी हैरान हैं और उन्होंने कहा कि हो सकता है उसने नौकरी नहीं मिलने की हताशा में यह कदम उठाया हो।
पुलिस ने संसद के बाहर प्रदर्शन के दौरान जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया है उनकी पहचान हरियाणा के जींद जिले के घासो खुर्द गांव निवासी नीलम (42) और महाराष्ट्र के लातूर इलाके के अमोल शिंदे (25) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, दोनों ने संसद भवन के बाहर गैस कनस्तर खोलकर धुआं फैलाने के साथ-साथ तानाशाही नहीं चलेगी, भारत माता की जय और जय भीम, जय भारत जैसे नारे लगाए।
नीलम की मां सरस्वती देवी ने बताया कि वह (नीलम) सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारियों के सिलसिले में प्रदेश के हिसार में एक 'पेइंगगेस्ट' के तौर पर रह रही थी। उन्होंने कहा कि वह 25 नवंबर को घर से हिसार के लिए निकली थी और उन्हें उसके दिल्ली जाने और प्रदर्शन में शामिल होने का पता मीडिया में आई खबरों से चला।
नीलम के गांव के कुछ लोगों ने बताया कि वह दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों के आंदोलन स्थल पर भी गई थीं। सरस्वती ने कहा, मेरी बेटी के साथ आज सुबह बात हुई थी और उसने मुझसे ध्यान से अपने लिए दवा लेने को कहा था। हमें इसकी जानकारी नहीं थी कि वह दिल्ली गई है।
नीलम की मां ने कहा, मुझे नहीं पता कि किस तरह से उसने यह कदम उठाया। हो सकता है कि उसने नौकरी (पाने) के लिए ऐसा किया हो। नीलम के परिजनों का दावा है कि वह परास्नातक, एमफिल और राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) उत्तीर्ण है और सरकारी नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है।
महिला के परिजनों ने कहा कि कि नीलम बेरोजगारी और छात्राओं के साथ नाइंसाफी जैसे आंदोलनों में सक्रिय रही है और उसने किसान आंदोलन में भी भाग लिया था। नीलम के भाई राम निवास ने बताया, मुझे मेरे बड़े भाई का फोन आया। उन्होंने कहा कि टीवी ऑन करो। उन्होंने कहा कि नीलम दिल्ली में गिरफ्तार हो गई है।
राम ने बताया कि उसकी बहन ने सक्रिय रूप से किसान आंदोलन में हिस्सा लिया था। जींद की एक किसान सिक्किम देवी ने दावा किया कि नीलम ने किसान आंदोलन में हिस्सा लिया था। उसने बताया कि नेट परीक्षा पास कर चुकी उसकी बहन हाल ही में गांव आई थी लेकिन उसने संसद के बाहर विरोध की अपनी योजना के बारे में कुछ नहीं बताया।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कुम्हार समुदाय से आने वाली नीलम के परिवार में माता-पिता, तीन बहनें और दो भाई हैं। उसके पिता कोहर सिंह उचाना मंडी में हलवाई का काम करते हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour