Citizenship Amendment Bill : संघ का एक और सपना पूरा, मोदी-शाह के ऐतिहासिक फैसलों की हैट्रिक
संसद में नागरिकता संशोधन बिल पास कराने के साथ ही मोदी 2.0 सरकार ने साल खत्म होने से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए बड़े वादों को पूरा करने की हैट्रिक लगा दी है। सात महीने पहले जब मोदी सरकार दोबारा प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी तब शायद ही किसी ने इस बात की कल्पना की थी कि साल खत्म होने से पहले मोदी और शाह की यह जोड़ी ऐसे ऐतिहासिक फैसलों की झड़ी लगा देंगे जिनको पूरा करने का सपना पार्टी अपनी स्थापना के समय से देख रही थी।
मोदी 2.0 सरकार ने शपथ लेने के बाद संसद के पहले सत्र में ट्रिपल तलाक पर नया कानून बना कर अपने इरादे साफ कर दिए थे। इसके बाद संसद के मानसून सत्र में ही मोदी- शाह की जोड़ी ने एक झटके में जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म कर राज्य को ही दो भागों में बांट दिया है। इसके बाद अब शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन बिल पर नया कानून बनाकर यह साफ कर दिया है कि 2024 तक वह अपने सभी राजनीतिक एजेंडे को पूरा करके ही दम लेगी।
नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में बहस के दौरान जब कांग्रेस ने सरकार के इन ताबड़तोड़ फैसलों पर सवाल उठाए तो खुद गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभालते हुए साफ कह दिया है कि देश की जनता ने उनको 5 साल के लिए बहुमत दिया इसलिए वह देश की भलाई के लिए लगातार ऐसे बड़े फैसले लेते रहेंगे। लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने बकायदा पूरे देश में जल्द ही NRC लाने का ऐलान करते हुए अपनी सरकार के इरादे साफ कर दिए है।
मोदी सरकार के इन ताबड़तोड़ फैसलों पर वरिष्ठ पत्रकार गिरिजाशंकर कहते हैं कि 2019 में भाजपा को जो बहुमत मिला उसका नरेंद्र मोदी और अमित शाह भरपूर फायदा उठा रहे है। ऐसे सारे एजेंडे जो पार्टी के गठन या कहें जनसंघ के समय से चले आ रहे थे वह सारे अब एक के बाद एक पूरे होते जा रहे है। इन सारे बड़े और साहसिक फैसलों का श्रेय वह मोदी और अमित शाह की जोड़ी को देते है। वेबदुनिया से बातचीत में गिरिजाशंकर कहते हैं आमतौर पर सरकारें मंहगाई, बेरोजगारी जैसे देशव्यापी सवालों से जूझती रहती है लेकिन मोदी और शाह की जोड़ी बहुत ही चतुराई से ऐसे सवालों को सेंकेडरी बनाकर अपने राजनीतिक मुद्दों को पूरा करने में जुटी हुई है। वह मानते है कि नागरिकता संशोधन बिल के बाद अब सरकार अपने बचे हुए राजनीतिक एजेंडे पर आगे बढ़ने का एक और कदम उठा लिया है।
जिस तरह मोदी सरकार अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने में लगी है उसके बाद अब कॉमन सिविल कोड,जनसंख्या नियंत्रण कानून और NRC उसके एजेंडे में सबसे उपर नजर आ रहे है। अब इंतजार केवल इस बात का है कि मोदी के सपने को मुमकिन बनने वाले अमित शाह का अगल एजेंडा क्या होगा।