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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 2 जनवरी 2020 (13:54 IST)

जेल जाने से नहीं मां के तौर पर थोड़ा कमजोर पड़ी, चंपक से मिल भावुक होकर बोली मां एकता शेखर

वेबदुनिया से पर्यावरण एक्टिविस्ट एकता शेखर की EXCLUSIVE बातचीत

जेल जाने से नहीं मां के तौर पर थोड़ा कमजोर पड़ी, चंपक से मिल भावुक होकर बोली मां एकता शेखर - CAA Protest  : Staying away from daughter was most difficult in jail : Ekta shekhar
15 दिन दुधमुंही बेटी चंपक से दूर बनारस जेल की सलाखों में रहने वाले सामजिक कार्यकर्ता एकता शेखर थोड़ा कमजोर कमजोर पड़ गई है। जेल से रिहाई के बाद वेबदुनिया से खास बातचीत में एकता शेखर ने कहा कि एक मां होने के नाते जेल में एक एक पल गुजारना मुश्किल हो रहा था। एकता भावुक होते हुए कहती हैं कि वह जेल में एक मां के तौर पर जरुर कुछ पलों के लिए कमजोर हो गई थी इसलिए उन्होंने प्रशासन के सामने रिहाई के लिए याचिका भी लगाई थी। एक पखवाड़े के बाद बेटी चंपक से मिलने के बाद एकता कहती हैं कि आगे वह ज्यादा समय अपने बेटी की परवरिश पर ज्यादा समय देगी।
 
जेल में बिताए अपने अनुभवों को वेबदुनिया से साझा करते हुए एकता कहती हैं कि एक मां के नाते जेल में बहुत तकलीफ हो रही थी और जेल में एक एक पल गुजारना बहुत मुश्किल हो रहा था क्योंकि बेटी चंपक बहुत छोटी है और पूरी तरह से मुझ पर ही निर्भर है। वह कहती हैं कि जेल में हर समय उनको इस बात की चिंता सता रही थी बहुत हद तक मां के दूध पर निर्भर रहने वाले दुधमुंही चंपक कैसे मैनेज कर रही होगी। 
वेबदुनिया से बातचीत में एकता कहती हैं कि एक एक्टिविस्ट के तौर पर उन्होंने जो कुछ भी किया वह देश के संविधान को बचाने की लड़ाई का हिस्सा था और इसका उन्हें कोई मलाल  भी नहीं है, लेकिन एक मां के तौर जरूर थोड़ा कमजोर पड़ गई है। वह कहती हैं कि जिन सवालों को लेकर लड़ाई शुरु हुई है वह आगे भी जारी रहेगी लेकिन अभी वह ज्यादा टाइम बेटी चंपक को देगी।  
 
संविधान बचाने के लिए विरोध - वेबदुनिया से बातचीत में वह पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहती हैं कि ऐसा शायद पहली बार हुआ होगा कि किसी विरोध प्रदर्शन मे शामिल लोगों को पहले  धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार किया जाए और बाद में उन पर 7 से 8 धाराएं ऐसी लगा दी जाए जिसके चलते आसानी से जमानत भी नहीं हो पाए। एकता कहती हैं कि सवाल किसी सरकार के विरोध का नहीं बल्कि संविधान की जो मूल आत्मा में छेड़छाड़ हो रहा है उसको रोकने और संविधान को बचाने की है। वह कहती हैं कि संविधान किसी जाति या धार्मिक आधार पर भेदभाव की बात को नकारता है और सीएए कानून उसी के साथ छेड़छाड़ है। 
 
प्रियंका गांधी का शुक्रिया – वेबदुनिया से बातचीत में एकता अपने समर्थन में आने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का शुक्रिया अदा करती हुए कहती हैं कि विपक्ष में रहते हुए और नेहरू गांधी खानदार से आने के कारण उनकी जिम्मेदारी भी बनती है और उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ लोगों की आवाज को उठाया भी है। इसक साथ एकता उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करती है जिन्होंने जेल में बंद  लोगों की रिहाई के लिए मुहिम चलाई।

राजनीति में आने का विचार नहीं - भविष्य में किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिलने के सवाल पर एकता कहती हैं कि वह किसी पॉलिटिकल पार्टी से नहीं जुड़ना चाहती है वह कहते हैं कि उनका किसी खास पार्टी से कोई विरोध भी नहीं है। वह कहती हैं कि अगर वह सरकार विरोध कर रही है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह उस पार्टी का भी विरोध कर रही है। किसी भी पार्ट की सरकार इस तरह का कानून लाती तो वह इसका विरोध करती। वह कहती हैं कि फिलहाल उनका फिलहाल किसी राजनीतिक पार्टी में जाने का कोई विचार नहीं है। वह कहती हैं कि अब वह अपने उन साथियों की रिहाई के लिए प्रयास करेगी जो अभी भी जेल में बंद है। 
 
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