पीएम मोदी से मुलाकात से पहले क्या बोले ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन?
नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और संप्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं तथा ऐसे में भारत के साथ ब्रिटेन की साझेदारी समुद्री तूफानों में प्रकाशपुंज है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता से पहले जॉनसन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच जलवायु परिवर्तन से लेकर ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा तक के मुद्दों पर भागीदारी महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश भविष्य की ओर देख रहे हैं।
ब्रिटिश उच्चायोग ने कहा कि जॉनसन के प्रधानमंत्री मोदी के साथ पांच क्षेत्रों भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष और साइबर में अगली पीढ़ी की रक्षा और सुरक्षा भागीदारी पर चर्चा करने की उम्मीद है क्योंकि दोनों देश नए जटिल खतरों का सामना कर रहे हैं।
उसने एक बयान में कहा कि इसमें भारत निर्मित नए लड़ाकू विमानों के लिए सहयोग, युद्धक विमान निर्माण पर ब्रिटेन की उत्कृष्ट जानकारी पेश करना और हिंद महासागर में सूचनाओं की पहचान तथा उनसे निपटने के लिए नयी प्रौद्योगिकी के वास्ते भारत की आवश्यकताओं में सहयेाग देना शामिल है।
उच्चायोग ने कहा कि आने वाले दशकों में भारत के साथ वृहद रक्षा और सुरक्षा भागीदारी के समर्थन में ब्रिटेन भारत को ऑपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) जारी करेगा जिससे नौकरशाही कम होगी और रक्षा खरीद के लिए आपूर्ति का समय कम होगा। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारा पहला ओजीईएल है।
उसने कहा कि जॉनसन स्वच्छ एवं नवीनीकरण ऊर्जा पर नए सहयोग पर भी चर्चा करेंगे, जिसका मकसद आयातित तेल से नई दिल्ली के ऊर्जा बदलाव को समर्थन देना और सुरक्षित तथा टिकाऊ ऊर्जा के जरिए इसके लचीलेपन को बढ़ाना तथा ब्रिटेन और भारत दोनों देशों में जलवायु परिवर्तन से निपटना है।
उच्चायोग ने जॉनसन के हवाले से कहा, 'दुनिया निरंकुश देशों से बढ़ते खतरों का सामना कर रही है, जो लोकतंत्र को कमतर, मुक्त व्यापार को खत्म करने और सम्प्रभुत्ता को कुचलना चाहते हैं। भारत के साथ ब्रिटेन की भागीदारी इन तूफानी सागरों में प्रकाशपुंज है।
उच्चायोग ने कहा कि ब्रिटेन और भारत किफायती हरित हाइड्रोजन पर काम तेज करने के लिए वर्चुअल हाइड्रोजन विज्ञान एवं नवोन्मेष हब शुरू कर रहे हैं।