ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन साबरमती आश्रम पहुंचे, गांधी के लंदन निवास पर लिखी पुस्तक भेंट की गई
अहमदाबाद। भारत की 2 दिवसीय यात्रा पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गुरुवार को साबरमती आश्रम गए, जिसे गांधी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर आश्रम के न्यास ने उन्हें दो किताबें भेंट कीं, जिनमें एक अप्रकाशित गाइड है जो लंदन में रहने के इच्छुक लोगों के लिए स्वयं महात्मा गांधी ने लिखी थी।
आश्रम के प्रवक्ता विराट कोठारी ने बताया कि जॉनसन गुरुवार सुबह अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद साबरमती आश्रम गए, जहां पर उनका स्वागत गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और आश्रम के न्यासी कार्तिकेय साराभाई ने किया।
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ने इस आश्रम में वर्ष 1917 से 1930 तक निवास किया था। प्रवक्ता ने बताया कि साबरमती आश्रम संरक्षण और स्मारक न्यास की ओर से साराभाई ने दो पुस्तक और चरखे की प्रतिकृति जॉनसन को भेंट की, जो यहां करीब 30 मिनट तक रहे।
उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद जॉनसन हृदय कुंज गए जहां महात्मा गांधी रहते थे। इसके बाद वे मीरा कुटीर गए जहां पर गांधी की इंग्लैंड में जन्मी अनुयायी मीराबेन या मैडलिन स्लेज रहती थीं।
कोठारी ने बताया कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने परिसर से वापस जाने से पहले चरखे पर सूत कातने की भी कोशिश की। उन्होंने बताया कि जॉनसन को जो किताबें भेंट की गई हैं, उनमें एक गाइड टू लंदन है जो अप्रकाशित है और इसमें लंदन में कैसे रहा जाए, इसको लेकर गांधी जी के सुझाव हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि महात्मा गांधी द्वारा यह लिखी गई पहली किताब है जिसका कभी प्रकाशन नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि दूसरी किताब मीराबेन की आत्मकथा द स्प्रिट्स् पिल्ग्रिम्ज है। जॉनसन का शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का कार्यक्रम है।(भाषा)