PM मोदी मणिपुर तो जा नहीं रहे, यूक्रेन युद्ध रुकवाने की कोशिश कर रहे : असदुद्दीन ओवैसी
Asaduddin Owaisi targeted Prime Minister Modi regarding Manipur : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा नहीं किया और रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं।
ओवैसी ने यहां एआईएमआईएम मुख्यालय में एक बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने आश्चर्य जताया कि मोदी मणिपुर क्यों नहीं जा रहे, जहां महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म सहित कई हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। ओवैसी ने कहा, हमारे मोदी जी, उन्होंने क्या किया? मणिपुर करीब एक साल से जल रहा है। यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए पुतिन के पास, जेलेंस्की के पास राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को भेजा। मोदी जी, घर में ही आग लगी है, घर में लगी हुई आग को रोकिए। घर की चिंता नहीं है, यूक्रेन में युद्ध बंद होना चाहिए।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बंदी संजय कुमार की इस कथित टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कि मदरसे अपने छात्रों को एके-47 राइफल चलाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं, ओवैसी ने जानना चाहा कि उन्हें (बंदी संजय कुमार) मुसलमानों के प्रति इतनी नफरत क्यों है?
एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि मुसलमानों ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बलिदान दिया और मदरसों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए फतवा जारी किया था। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, आपको इस्लामोफोबिया की बीमारी है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए जहां पुलिस के हथियार छीन लिए गए।
ओवैसी ने प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक से मुसलमानों को उनकी संपत्ति से वंचित किए जाने के आरोपों को दोहराते हुए कहा कि यदि 'उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ' शब्द को हटा दिया जाता है, तो कोई भी व्यक्ति कानूनी दस्तावेजों और स्वामित्व के अभाव में जमीन पर दावा कर सकता है।
हैदराबाद से सांसद ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस)-मानसिकता वाले लोग वक्फ बोर्ड के पास नौ लाख एकड़ से अधिक जमीन होने का उल्लेख करते हैं, लेकिन हिंदू धर्मादा वाली जमीन का उल्लेख नहीं करते। उन्होंने कहा, यह कानून काशी और मथुरा की मस्जिदों को हमसे छीनने के लिए बनाया जा रहा है। आरएसएस का कहना है कि 30000 मस्जिदें हमारी हैं, मुसलमानों की नहीं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour