सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आम्रपाली ग्रुप की धोखाधड़ी में बड़े गिरोह को सामने लाना होगा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि जमीन/ मकान का कारोबार करने वाले आम्रपाली कंपनी समूह ने घर खरीदने वाले ग्राहकों से जुटे पैसे को हेराफेरी कर दूसरी कंपनियों में पहुंचा दिया और इस 'बड़ी धोखाधड़ी' में शामिल 'बड़े गिरोह' को सामने लाना ही होगा।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की पीठ को फोरेंसिक ऑडिटरों (खातों में आपराधिक हेराफेरी की जांच करने वाले ऑडिटरों) ने बताया कि कंपनी के दस्तावेजों से पता चलता है कि समूह की एक कंपनी द्वारा गौरीसूत इंफ्रास्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड को 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि हेराफेरी से पहुंचाई गई।
फोरेंसिक ऑडिटरों ने यह भी कहा कि कानून के तहत नियुक्त कंपनी के ऑडिटरों ने भी कई गलतियां कीं और वे अपने कर्तव्यों का पालन करने में पूरी तरह विफल रहे। पीठ ने कहा कि समूह द्वारा इधर-उधर किए गए धन को वापस निकालना होगा। इसी के लिए यह फोरेंसिक ऑडिट है और यह इसलिए भी है कि इस (हेराफेरी) सबके पीछे जिम्मेदार लोगों को पकड़ा जाए और जरूरी हो तो उन्हें जेल भेजा जाए।