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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: शनिवार, 8 अप्रैल 2023 (19:43 IST)

चाचा शरद पवार के बाद भतीजे अजित पवार का विपक्ष की एकता मुहिम को झटका

संसद सत्र के खत्म होने के एक दिन बाद विपक्ष की एकता मुहिम को झटका

sharad-Ajit
संसद के बजट सत्र में जिस आडनी विवाद पर पूरा विपक्ष एक जुट नजर आया और संसद से लेकर सड़क तक सरकार को घेरा वह विपक्षी एकता संसद सत्र खत्म होने के एक दिन बाद तार-तार हो गई। विपक्ष के बड़े चेहरे शरद पवार ने अडानी विवाद में विपक्ष की जेपीसी की जांच की मांग को सिरे से खारिज कर दिया। वहीं  उनके भतीजे अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी की तारीफ कर दी।

एनसीपी प्रमुख ने इसका कारण बताते हुए कहा कि जेपीसी के कुल 21 सदस्यों में 15 सदस्य सत्तारूढ़ पार्टी से होते है ऐसे उसमें सच्चाई सामने नहीं आ पाएगी। उन्होंने पूरे मामले में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ही सही विकल्प बताया। वहीं शरद पवार ने आगे कहा कि एक जमाना ऐसा था जब सत्ताधारी पार्टी की आलोचना करनी होती थी तो हम टाटा-बिड़ला का नाम लेते थे। टाटा का देश में योगदान है। आजकल अंबानी-अडानी का नाम लेते हैं, उनका देश में क्या योगदान है, इस बारे में सोचने की आवश्यकता है।

अडानी विवाद पर शरद पवार के इस बयान के 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि शनिवार को हो उनके भतीजे अजित पवार ने मोदी सरकार की तारीफ कर दी। अजित पवार ने भाजपा की लगातार जीत के लिए ईवीएम को नहीं बल्कि पीएम मोदी के चेहरे को बताया। अजित पवार ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से ईवीएम पर पूरा भरोसा है। अगर ईवीएम खराब होती तो छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार नहीं होती

2024 में मोदी के खिलाफ मोर्चेबंदी को झटका-अडानी विवाद और राहुल की सांसदी रद्द होने के बाद जो विपक्ष एकजुट नजर आ रहा था उसमें पहले शरद पवार फिर बाद में अजित पवार के बयान के बाद बड़ी दरार नजर आने लगी है। 2024  के लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ एक जुट होने की जो विपक्ष एक जुट होने की कोशिश कर रहा था वह अब अलग-थलग नजर आ रहा है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब विपक्ष बिखरा हुआ नजर आ रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने यूपीए की एकजुटता की हवा निकाल दी थी।

संसद सत्र खत्म होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने दावा किया था कि पूरे मुद्दें पर 19 विपक्षी दल एकसाथ आए। मीडिया ने खड़गे से जब पूछा था कि क्या विपक्ष की यह एकता जमीन पर दिखाई देगी तब खडगे ने कहा था कि हम सभी जमीन पर ही हैं। एकता लाने की पूरी कोशिश हो गई है। देश की एकता और अखंडता, लोकतंत्र एवं संविधान के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं। मोदी जी को शायद जमीनी स्थिति के बारे में पता नहीं है कि लोग महंगाई, बेरोजगारी से परेशान हैं। हम एकता के साथ अपना काम करते रहेंगे। हम एकजुट होकर आगे के चुनाव लड़ते रहेंगे।
 
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