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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 5 अगस्त 2025 (00:02 IST)

भाजपा विधायकों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना की, AAP ने 'संघर्षविराम' के समय पर सवाल उठाए

Jammu Kashmir Assembly
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में कहा कि इन दोनों अभियान पर सवाल उठाने वालों पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए। विपक्ष की नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने सवाल उठाया कि ऐसे समय में "संघर्ष विराम" क्यों लागू किया गया जब भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जीतने वाली थी।
 
दिल्ली विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक अभय वर्मा द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन महादेव’ के लिए बधाई प्रस्ताव पेश करने के बाद, भाजपा और विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) दोनों के सदस्यों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए और इन अभियानों के लिए भारतीय सेना की सराहना की।
प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और सशस्त्र बलों को अभियान के लिए धन्यवाद देने के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, आप विधायक संजीव झा ने भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बीच "संघर्षविराम" पर सवाल उठाया और ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, जिन्हें अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया।
 
अध्यक्ष गुप्ता ने झा से सदन से माफ़ी मांगने को भी कहा। हालांकि, झा के अड़े रहने के बाद उन्हें अध्यक्ष के निर्देश पर मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकाल दिया गया। चर्चा में भाग लेते हुए आतिशी ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश ने एक स्वर में कहा था कि "हमें पाकिस्तान को करारा जवाब देने की जरूरत है।"
 
उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए अपने सशस्त्र बलों का धन्यवाद करते हैं। उस समय, पूरे देश को लग रहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच अंतिम युद्ध होने वाला है। 
 
आतिशी ने कहा, "लेकिन अचानक, मैंने ‘एक्स’ पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक पोस्ट देखा जिसमें दावा किया गया कि उन्होंने युद्ध रोक दिया है। मैं भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से पूछना चाहती हूं कि क्या अमेरिका के साथ व्यापार का महत्व हमारी बहनों के सिंदूर से ज़्यादा है।’’
 
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि महत्वपूर्ण मोड़ पर ऑपरेशन सिंदूर को क्यों रोक दिया गया। दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने कहा, "आतंकवादी हमलों के बाद अब दस्तावेज नहीं भेजे जाते; बल्कि सेना को दुश्मन का सफाया करने का स्पष्ट आदेश दिया जाता है।" सूद ने कहा कि दोनों अभियानों पर सवाल उठाने वालों पर राजद्रोह के आरोप में मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
बाहर निकाले जाने से पहले, झा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि "संघर्ष विराम" का निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने लिया था और इसे स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। आप पर हमला बोलते हुए, मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि जब भी कोई आतंकवादी मारा जाता है, पार्टी के नेता आंसू बहाते हैं।
 
उन्होंने कहा, "26 नवंबर 2008 के हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर जैसा कुछ क्यों नहीं किया गया? इसके पीछे की वजह बिल्कुल साफ़ है। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश का नेतृत्व कर रहे हैं। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने की बात मोदी के सत्ता में आने के बाद ही शुरू हुई।"
 
भाजपा विधायक शिखा राय ने मांग की कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए ताकि बच्चे इस पर गर्व कर सकें।
 
भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि भारत अब आतंकवाद के आगे नहीं झुकने वाला देश बन गया है। उन्होंने कहा, "जब सैनिक लड़ते हैं तो आप उनसे यह नहीं पूछते कि उन्होंने बंदूक कैसे पकड़ी।" पूर्व कांग्रेस नेता लवली ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा।
 
उन्होंने कहा, "सुरक्षा के मामले में हमें साथ रहना चाहिए... जिस व्यक्ति (गांधी) का आप अनुसरण कर रहे हैं, उनकी अपनी पार्टी के लोग उनका अनुसरण नहीं करते। अगर उनकी पार्टी के लोग उनका अनुसरण करते तो मैं और तरविंदर मारवाह आज यहां नहीं बैठे होते।"
 
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए शुरू किया गया था। आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को 28 जुलाई को श्रीनगर के हरवान में ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। भाषा Edited by : Sudhir Sharma
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