चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने अपने मोहाली कार्यालय में आरपीजी हमले के सिलसिले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) एवं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटरसर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) की सांठगांठ की ओर इशारा किया है।
पुलिस महानिदेशक वीके भावरा ने शुक्रवार को यहां कहा कि 6ठा आरोपी एक अन्य मामले में पुलिस हिरासत में है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, नोएडा से पूछताछ के लिए 2 लोगों- मोहम्मद नसीम आलम और मोहम्मद शराफ राज को लाया गया है। वे मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। हमने उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
सोमवार को एक दुस्साहसिक हमले में मोहाली के सेक्टर 77 स्थित राज्य पुलिस के खुफिया विंग मुख्यालय पर एक रॉकेट से संचालित ग्रेनेड दागा गया था। उन्होंने कहा कि घटना के पीछे की साजिश का पता लगा लिया गया है और पाकिस्तान की आईएसआई के इशारे पर आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल और गैंगस्टरों के बीच सांठगांठ का मामला सामने आया है।
डीजीपी ने कहा कि यह घटना पाकिस्तान की आईएसआई के इशारे पर बीकेआई-गैंगस्टर के बीच सांठगांठ का परिणाम है। इस मामले में सभी जरूरी सामग्री का प्रबंध करने वाला प्रमुख साजिशकर्ता तरनतारन निवासी लखबीर सिंह उर्फ लांडा है, जो पहले एक गैंगस्टर हुआ करता था और 2017 में कनाडा चला गया था। उन्होंने कहा कि लखबीर सिंह गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह रिंडा का करीबी सहयोगी है, जो पाकिस्तान से अपनी गतिविधियां चलाता है।
डीजीपी ने कहा कि लांडा ने हमले के लिए आरपीजी, एके-47 और साजो-सामान के लिए स्थानीय अपराधियों का नेटवर्क प्रदान किया था। जब उनसे पूछा गया कि आरपीजी कहां से आए? तो उन्होंने इस पर बने निशान देखकर बताया कि ऐसा लगता है कि यह रूस या बुल्गारिया निर्मित था जिसे पाकिस्तान के रास्ते तरनतारन लाया गया था।
जब उनसे यह पूछा गया कि तीनों हमलावरों ने आरपीजी चलाने का प्रशिक्षण कहां से लिया? तो डीजीपी ने कहा कि देखिए, इन दिनों बहुत सी चीजें यूट्यूब पर उपलब्ध हैं। यह प्रौद्योगिकी का स्याह पक्ष है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या इस हमले में 'सिख्स फॉर जस्टिस' के गुरपतवंत सिंह पन्नून का कोई संबंध है, उन्होंने जवाब दिया कि देखिए, पंजाब, हिमाचलप्रदेश में कोई भी घटना होती है तो पन्नून हर चीज का श्रेय लेता है इसलिए मैं इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा। कुछ आतंकवादी संगठन और कुछ गैंगस्टर ने इसे अंजाम दिया है।
भावरा ने कहा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि साजिश क्या थी, किसने किसके इशारे पर कहां से हमले किए, किसने आश्रय, साजो-सामान और हथियार मुहैया कराए, सभी चीजें अब स्पष्ट हो गई हैं। डीजीपी ने कहा कि गिरफ्तार आरोपियों में कंवर बाथ, बलजीत कौर, बलजिन्दर सिंह उर्फ रैम्बो, निशांतदीप सिंह और जयदीप कांग शामिल हैं। इन लोगों ने घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को आश्रय, साजो-सामान और हथियार मुहैया कराए थे। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 2 कारें भी बरामद की गई हैं।
उन्होंने कहा कि रॉकेट चालित ग्रेनेड (आरपीजी) दागने में शामिल 3 लोगों को अभी भी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इनमें से एक तरनतारन निवासी चरथ सिंह है। डीजीपी ने कहा कि इस मामले का एक आरोपी निशान सिंह पहले से ही किसी अन्य मामले में फरीदकोट पुलिस की हिरासत में है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी उसे गिरफ्तार किया जाएगा।
तरनतारन निवासी निशान सिंह कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है जिसमें से एक हत्या के प्रयास से संबंधित है और दूसरा स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत है। डीजीपी ने कहा कि निशान सिंह ने हमले को अंजाम देने वाले आरोपियों को शरण दी। उन्होंने ब्योरा देते हुए कहा कि इसके अलावा कंवर बाथ और बलजीत कौर निशान सिंह के संपर्क सूत्र हैं।
उन्होंने कहा कि हमलावरों ने लांडा द्वारा उपलब्ध कराए गए स्थान से आरपीजी प्राप्त किया था। रैम्बो ने निशान सिंह के बताए अनुसार एके-47 बरामद की। फिर रैम्बो ने उसे चरथ सिंह को सौंप दिया। उन्होंने कहा कि 7 मई से वे अमृतसर-तरनतारन इलाके से चले गए और 9 मई को मोहाली में घटना हुई। उन्होंने कहा कि मोहाली में उनका स्थानीय संपर्क जगदीप कांग था। उन्होंने स्थानीय साजो-सामान की सहायता प्रदान की। चरथ सिंह और जगदीप सिंह कांग ने 9 मई को दिन के समय क्षेत्र का दौरा किया।
डीजीपी ने कहा कि आखिरकार चरथ सिंह और बाहर से आए 2 और लोगों ने घटना को अंजाम दिया। इससे पहले पुलिस सूत्रों ने कहा था कि पाकिस्तान स्थित रिंडा देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्थानीय गैंगस्टर की मदद ले रहा है। उसका नाम तब सामने आया, जब हाल ही में हरियाणा के करनाल में पाकिस्तान से जुड़े 4 संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के साथ एक आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया गया। पिछले महीने नवांशहर में अपराध जांच एजेंसी (सीआईए) के कार्यालय पर हथगोले से हुए हमले में भी रिंडा की संलिप्तता का पता चला था।