Jammu Kashmir : जम्मू-कश्मीर में मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने 2 आतंकियों को किया ढेर, 1 नागरिक की मौत
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग मुठभेड़ों में 2 आतंकवादी और 1 नागरिक की मौत हो गई जबकि एक सैनिक सहित 2 अन्य घायल हो गए।
एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बलों ने सोमवार की शाम को शोपियां के पंडोशन इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया था। उन्होंने कहा कि जब सुरक्षाकर्मी इलाके की घेराबंदी कर रहे थे, उसी दौरान छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाईं।
प्रवक्ता ने कहा कि सुरक्षा बलों ने इलाके में मौजूद आम नागरिकों को बचाने और उन्हें सुरक्षित हटाने के लिए अधिकतम संयम बरता। उन्होंने कहा कि हालांकि, आम नागरिकों को हटाने की प्रक्रिया के दौरान, छिपे हुए आतंकवादियों ने भाग निकलने के लिए नागरिकों के साथ ही सुरक्षा बलों को भी निशाना बनाया।
नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया लेकिन आतंकवादियों द्वारा की गई भारी गोलीबारी के कारण, सैनिक लांस नायक संजीब दास और दो नागरिक -शाहिद गनी डार और सुहैब अहमद गोली लगने से घायल हो गए।
प्रवक्ता ने कहा कि घायलों को तत्काल हवाई मार्ग से श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल ले जाया गया जहां शाहिद गनी डार की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि अंधेरे और आम लोगों की मौजूदगी का फायदा उठाकर आतंकवादी मुठभेड़ स्थल से भागने में सफल रहे तथा उनकी तलाश की जा रही है।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने कहा कि हाल ही में शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जिलों में कुछ मुठभेड़ों के दौरान देखा गया है कि पाकिस्तानी आतंकवादी घेराबंदी से बचने के लिए आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी कुछ मुठभेड़ों में आतंकवादी घेराबंदी से बचने में सफल रहे, लेकिन हमें नागरिकों और सुरक्षा बलों की कीमती जान गंवानी पड़ी। हम अपने रणनीतिक एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) में कुछ बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रवक्ता ने बताया कि अनंतनाग जिले के दूरू इलाके के क्रीरी में हुई एक अन्य मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए।
आईजीपी कुमार ने कहा कि दो आतंकवादियों के सफाए के साथ, श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग और अमरनाथ यात्रा के लिए एक आसन्न खतरा दूर हो गया है। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि यह मुठभेड़ दो पहलुओं से महत्वपूर्ण है: पहला, यह आतंकवादियों का वही समूह है जो 16 अप्रैल 22 को वतनाद मुठभेड़ के दौरान भाग गया था, जिसमें हमने अपना एक सैनिक खो दिया था। दूसरा- मुठभेड़ स्थल राजमार्ग के बहुत करीब है और राजमार्ग तथा यात्रा के लिए आसन्न खतरा दूर हो गया है।