मध्यप्रदेश में त्रिशुंक विधानसभा, कांग्रेस-भाजपा दोनों सरकार बनाने की दौड़ में, निगाह राजभवन की ओर
भोपाल। मध्यप्रदेश में किसी टी-20 क्रिकेट मैच की तरह रोमांचक चुनावी मुकाबले में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है।
मंगलवार को सुबह 8 बजे शुरू हुई मतगणना बुधवार सुबह 7 बजे आखिरी सीट भोपाल की नरेला विधानसभा सीट पर मतगणना के साथ खत्म हुई।
चुनाव आयोग के अंतिम नतीजों के मुताबिक़ कांग्रेस 114 सीट जीतने के साथ ही मध्यप्रदेश में सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरी है, वहीं भारतीय जनता पार्टी को 109 सीटें मिली हैं, जबकि बहुजन समाजवादी पार्टी को 2, सपा को 1 सीट और चार सीटों पर निर्दलीय चुनाव जीते है।
नतीजों के बाद अब सूबे में कांग्रेस का 15 साल का वनवास अब खत्म होने की कगार पर है। कांटे के मुकाबले वाले चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी पर निर्णायक बढ़त बनाते हुए अब कांग्रेस में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है।
कांग्रेस 114 सीटों पर जीत के साथ सूबे में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में बनकर उभरी है, वहीं कांग्रेस से बागी होकर विधानसभा चुनाव लड़े चारों बागी नेता भी विधायक बन गए हैं। कांग्रेस को समर्थन का ऐलान करने वाली सपा भी एक सीट पर जीत दर्ज की है।
भोपाल में देर रात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे पास सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा है।
कमलनाथ ने दावा किया कि बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस के साथ हैं, इसलिए हमने राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है और उनसे मिलने का समय मांगा है।
दूसरी ओर भाजपा भी सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ की सियासत में जुटी है। सुबह से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने ट्वीट किया कि प्रदेश में कांग्रेस को जनादेश नहीं है, कई निर्दलीय और अन्य भाजपा के संपर्क में हैं।
राकेश सिंह ने बुधवार को राज्यपाल से मिलने की बात भी कही है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों के सरकार बनाने के दावे के बीच अब सबकी निगाह राजभवन की ओर लग गई है। देखना होगा कि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल किसको सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करती है।