2500 साल पहले हुए एक चीनी सेनापति सन त्ज़ु के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने कभी कोई लड़ाई नहीं हारी। उनके बारे में किवदंती हैं कि जिस सेना का कमांडर सन त्ज़ु है वो सेना कभी हार ही नहीं सकती थी। उन्होंने अपने जीवन में बहुत सी लड़ाइयां जीती और अपने अनुभवों के बारे में एक किताब लिखी जो आज बेस्ट सेलर के तौर पर जानी जाती है। 
				  																	
									  
	 
	इस किताब को आज भी अमेरिकन और कई देशों के मिलिट्री स्कूल और कई प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूल्स में रिफरेंस के तौर पर पढ़ाया जाता है।
				  
	 
	हम बात कर रहे हैं Sun Tzu, The Art of War (सन त्ज़ु, द आर्ट ऑफ़ वार) की, यह किताब सन त्ज़ु के द्वारा लिखी गई थी। यह किताब उस जमाने की सेना के युद्ध पद्धति और सैन्य तौर-तरीकों पर आधारित है, लेकिन यह किताब आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी 2500 साल पहले थी।
				  						
						
																							
									  
	 
	 हाल ही में अफगानिस्तान से अमेरीकी सेना की वापसी पर सन त्ज़ु की एक उक्ति बेहद सटीक बैठती है कि लंबे समय तक चलने वाले युद्ध से किसी राष्ट्र को लाभ होने का कोई उदाहरण नहीं है। 
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	हाल ही के दिनों में इस किताब को बिजनस और लाइफ लेसन के लिए भी खासा पसंद किया गया है। 
				  																	
									  				  
				  
	आज की तेजी से बदलती दुनिया में जहां जिंदगी हर कदम पर जंग है, इस किताब को काफी सराहा और पढ़ा जा रहा है। खास कर इस समय में बिज़नस में इसमें बताए गए तरीकों को काफी ज्यादा अहम् माना जाता है! यह किताब सैन्य तौर-तरीकों और मोटिवेशनल किताबों में रुचि रखने वालों को काफी पसंद आएगी। इस किताब के 13 अध्याय में जिंदगी जीने और जीतने के अनूठे और कारगर फलसफे पढ़ने को मिलेंगे। 
				  																	
									  
	 
	इस किताब में मुख्य रूप से सेना के कार्य करने की नीति और युद्ध रणनीति को दर्शाया गया है। तो बड़ा सवाल है कि द आर्ट ऑफ़ वार क्यों पढ़नी चाहिए। इसका सीधा जवाब है कि पहले के जमाने में अस्त्र और शस्त्र से लड़ाई होती थी, लेकिन अब जमाना बदल गया है! अब भी लड़ाई होती है, बिज़नस में, घर में, ऑफिस में बॉर्डर पर, राजनीति में हर जगह पर आज लड़ाई हो रही है और इसका पैटर्न बिलकुल बदल सा गया है ! जहां हर दिन एक युद्ध से कम नहीं होता है और यदि आप हर दिन ये लड़ाई बिना लड़े जीतने की कला सीखना चाहते हैं तो यह किताब आपके लिए ही है।
				  																	
									  
	 
	सन त्ज़ु कहते हैं कि जब आप मजबूत होते हैं तो कमजोर दिखाई देने और कमजोर होने पर मजबूत दिखाई देने से शत्रु भ्रमित होता है। उनका मानना था कि अराजकता के बीच अवसर भी है। उनके अनुसार युद्ध की सर्वोच्च कला शत्रु को बिना लड़े अपने वश में करना होती है। उनका मानना है कि जीतने के लिए जानना जरूरी है कि कब लड़ना है और कब नहीं लड़ना है।
				  																	
									  
	 
	सन त्ज़ु कहते हैं- कोई भी लड़ाई जीतने के लिए बल से ज्यादा बुद्धि की जरुरत होती है! कोई भी लड़ाई जीतने के लिए समझदारी का होना बहुत जरुरी है! अगर आप समझदारी दिखाते हैं तो आप आधी लड़ाई तो ऐसे ही जीत जाते हैं! एक चीनी कहावत है यदि राह चलते समय हर व्यक्ति को जवाब देने लगेंगे तो आप कभी भी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंचेंगे। अगर आपको मंजिल तक पहुंचना है तो आप समझदारी के साथ बिना कुछ बोले आगे बढ़ते रहें। 
				  
				  
	उनकी नीति है कि सबसे बड़ी जीत वह है जिसके लिए किसी लड़ाई की आवश्यकता नहीं पड़ती।  उनका मानना है कि किसी भी युद्ध में पैसा, समय और ऊर्जा तीनों बरबाद होते हैं, लड़ाई में परिणाम चाहे जो हो, जीत जिसकी भी हो नुकसान सबको होता है। एक सफल योद्धा उसे ही माना जाता है जो युद्ध की नौबत ही नहीं आने देता है! और यदि लड़ाई की नौबत आती भी है तो उसे वो बातचीत से सुलझा सके। 
				  																	
									  
	 
	उनका मानना था कि अपने दुश्मन को जानने के लिए, आपको अपना दुश्मन बनना होगा। सन त्ज़ु कहते हैं की अपने शत्रु के घमंड और भावनाओं का फायदा उठाना चाहिए, अपने शत्रु को इतना भड़काओ की वो कुछ गलती करे और आप उसका फायदा ले सको। 
				  																	
									  
	 
	यदि आपका शत्रु परेशान होता है तो उसे और भी ज्यादा परेशान करो, और यदि आपका शत्रु घमंडी है तो उसके घमंड को और भी ज्यादा बढ़ावा दो, ताकि वो और भी ज्यादा गलतियां करे। इससे वो अपना मानसिक संतुलन खो देता और वो अपना शत्रु खुद ही बन जाता है! 
				  																	
									  
	 
	उनका मानना था कि किसी भी लड़ाई के पहले हमें खुद को जानना जरूरी है। यदि आप शत्रु को जानते हैं और स्वयं को जानते हैं, तो आपको सौ लड़ाइयों के परिणाम से डरने की आवश्यकता नहीं है। अगर आप खुद को जानते हैं लेकिन शत्रु को नहीं, तो हर जीत के लिए आपको हार का भी सामना करना पड़ेगा। यदि आप न तो शत्रु को जानते हैं और न ही स्वयं को, तो शर्तिया आप हर युद्ध में पराजित होंगे। 
				  																	
									  
	 
	आज माना जाता है कि 'इंफॉर्मेशन इज द की टू सक्सेस' लेकिन 2500 साल पहले ही सन त्ज़ु ने सूचना तंत्र के बारे में विस्तार से लिखा था। 
				  																	
									  
	 
	उनका कहना था युद्ध जीतने के सबसे बड़ी नीति अपने शत्रु की कोई ऐसी जानकारी हासिल करो की आप उसे दबा सको! आपके पास आपके शत्रु की जितनी ज्यादा जानकारी होगी, आप उसके शक्ति और कमजोरी को जान सकते हैं और उसकी कमजोरी का फायदा लेकर जीत सकते हैं। ऐसी ही अनेक शानदार अनुभवों और उक्तियों से भरी इस किताब से हम ढेरों सबक ले सकते हैं जो आज के दौर में जिंदगी में बेहद उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं।