शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. मंगल देव
  4. Shirdi pashudhan mela 2023
Written By
Last Modified: सोमवार, 3 अप्रैल 2023 (15:53 IST)

शिरडी के महाएक्सपो में किसानों को भूमि माता के बारे में जानकारी दी गई

शिरडी में अमलनेर के मंगल मंदिर का डंका

शिरडी के महाएक्सपो में किसानों को भूमि माता के बारे में जानकारी दी गई - Shirdi pashudhan mela 2023
अमलनेर। शिरडी में आयोजित महापशुधन मेले में किसानों को जलगांव जिले के अमलनेर स्थित मंगल ग्रह मंदिर में विराजमान भूमि माता के बारे में जानकारी दी गई जो देश में अति प्राचीन, अति दुर्गम और अति जागृत है। पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग की तीन दिवसीय बैठक शिरडी में संपन्न हुई। प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल ने किया।
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने की। पशुपालन आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह, नागपुर के कुलपति शरद गदख, महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रशांत कुमार पाटिल, महानंदा के अध्यक्ष राजेश परजाने, जिला. डब्ल्यू सदस्य शालिनीताई विखे, जिला बैंक के अध्यक्ष शिवाजीराव कार्दिले, अन्नासाहेब म्हास्के, कृषि आयुक्त सुनील चव्हाण, संभागीय आयुक्त राधाकृष्ण खेल, कलेक्टर सिद्धाराम सलीमठ, जिला है डब्ल्यूसीईओ आशीष येरेकर, अपर आयुक्त पशुपालन शीतल कुमार मुक्ने, जिला उपायुक्त डॉ. सुनील तुमारे आदि उपस्थित थे।
 
मंगल मंदिर की भागीदारी भूमि माता उस व्यक्ति की आराध्य देवी हैं जिनका व्यवसाय रेत, मिट्टी और कृषि से जुड़ा है। अमलनेर में इस देवी का एकमात्र मंदिर है। इसलिए अमलनेर के मंगल मंदिर में बड़ी संख्या में बिल्डर, आर्किटेक्ट, सेना के जवान और किसान आते हैं और धरती माता के दर्शन करते हैं। शिरडी में देशभर से आए किसान भाइयों को देवी भूमि माता और मंगल की जानकारी दी गई। इस मौके पर मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी शरद कुलकर्णी, सुबोध पाटिल, परिचारक नितिन सोनवणे, राजू देवारे आदि मौजूद रहे।
 
प्रदर्शन पर 300 स्टाल : शिरडी में आयोजित प्रदर्शनी में 300 स्टॉल लगाए गए थे। प्रदर्शनी में विभिन्न प्रजातियों के पशुधन, खाद्य सामग्री, कृषि सामग्री, खाद, दवाइयां, घरेलू सामान, शुभ वस्तुएं आदि बिक्री के लिए रखी गई थी। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन ने अमलनेर स्थित मंगल ग्रह मंदिर की जानकारी प्राप्त करने की व्यवस्था की थी।
ये भी पढ़ें
गुड फ्राइडे पर ईसाई धर्म के अनुयायी क्या करते हैं?