बेटी पर गलत नजर रखता था, पत्नी ने कराई हत्या, दी थी लिंग काटने की भी सुपारी
जबलपुर। स्वास्थ्य विभाग में उपनिदेशक डॉ. शफात उल्लाह खान (55) उर्फ शैफुतुल्ला की हत्या उन्हीं की पत्नी आयशा खान (50) ने कराई और उसने अपनी ही बेटी पर गलत नजर रखने के चलते पति का पहले लिंग काटने की सुपारी भी दी थी।
जबलपुर के पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला ने रविवार को बताया कि डॉ. शफात उल्लाह खान की हत्या की साजिश उसकी पत्नी आयशा खान ने ही रची थी तथा इन दोनों ने वर्ष 1991 में प्रेम विवाह किया था। लेकिन शफात उल्लाह खान के खराब चरित्र के कारण उनके बीच तनाव रहता था।
शुक्ला ने बताया कि आयशा ने दुआ, गुजरात निवासी अपनी भतीजी नंदिनी विश्वकर्मा उर्फ जन्नत (30) को शफात उल्लाह खान को जान से मारने की सुपारी दी थी। इसके लिए नंदिनी ने अपने पति पवन विश्वकर्मा (32) से बात की। पवन ने अपने 2 साथियों राजेन्द्र मालवीय (23) और धीरज को भी इस साजिश में शामिल किया।
उन्होंने कहा कि आयशा ने नंदिनी एवं पवन को शफात उल्लाह खान की हत्या करने के बाद 5 लाख रुपए एवं एक फ्लैट देने का वादा किया था। उसने राजेन्द्र एवं धीरज को 10 हजार रुपए दिए तथा काम होने पर 50-50 हजार रुपए देने की बात कही थी।
शुक्ला ने बताया कि नंदिनी, पवन, राजेन्द्र एवं धीरज 12 जून को जबलपुर आए। दिन में आयशा ने उनसे टैगौर गार्डन में मुलाकात की और उसी रात उन्होंने डॉ. शफात उल्लाह की हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या में शामिल 5 लोगों में से 3 आरोपियों आयशा, नंदिनी एवं राजेन्द्र को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। 2 अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
उन्होंने कहा कि पूछताछ में नंदिनी ने पुलिस को बताया था कि वह घटना वाले दिन गुजरात में थी। जांच में पाया गया कि तब वह जबलपुर में थी। हिरासत में पूछताछ करने पर उसने पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया। इसी बीच गिरफ्तार होने के बाद आयशा ने बताया कि हिन्दू होने के बावजूद उसने डॉ. शफात उल्लाह खान से शादी की थी।
आयशा ने आरोप लगाया कि मेरे पति के कई महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध थे। नर्स की नौकरी दिलवाने के नाम पर मेरे पति व उसके वरिष्ठ अधिकारी ने जबलपुर के एक होटल में कई युवतियों का शोषण किया। उसने अपनी भतीजी से भी दुष्कर्म किया था जिससे वह 11 वर्ष की उम्र में गर्भवती हो गई थी। मेरी पहली 2 बेटियां होने के कारण मेरे पति ने 7 बार अनैतिक तरीके से लिंग जांच कर गर्भपात करवाया था। उसने लिंग जांच तथा गर्भपात करने वाले डॉक्टरों के नाम भी बताए।
उसने बताया कि मेरे पति की गलत नजर मेरी बेटी पर थी इसलिए मैंने पति का लिंग काटने के लिए सुपारी दी थी लेकिन यह योजना सफल नहीं हो पाई थी। आयशा ने कहा कि भतीजी के साथ जब मेरे पति ने गलत कृत्य किया था तो मैं इसलिए खामोश हो गई, क्योंकि मेरी 2 छोटी बेटियां थीं और बेटा गर्भ में था।
गौरतलब है कि डॉ. शफात उल्लाह की जबलपुर में उनके कृर्तिका अपार्टमेंट स्थित घर में 12 जून की रात को धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। वे यहां संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में लीगल सेल के प्रभारी थे। (भाषा)