ट्रीटमेंट और इनफार्मेशन गैप मेन्टल हेल्थ के बड़े चैलेंज-डॉ सत्यकांत त्रिवेदी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,मप्र के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अंतर्गत स्थानीय होटल लेक व्यू भोपाल में मानसिक स्वास्थ्य विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया। अंतरराष्ट्रीय थीम "सभी के लिये मानसिक स्वास्थ्य व कल्याण को वैश्विक स्तर पर प्राथमिकता" पर आधारित इस सेमिनार में मानसिक रोग विशेषज्ञ एवं सुसाइड प्रिवेंशन टास्क फोर्स के सदस्य डॉ सत्यकान्त त्रिवेदी ने आधार वक्तव्य दिया।
सेमिनार के आरंभ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र में मानसिक स्वास्थ्य के उपसंचालक डॉ शरद तिवारी ने स्वागत भाषण देते हुए मानसिक स्वास्थ्य दिवस का महत्व बताते हुए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेश में प्रदान कराई जा रहीं मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त ज़िला चिकित्सालय स्थित मनकक्ष के माध्यम से मानसिक समस्याओं की निःशुल्क जांच, परामर्श, उपचार और जागरूकता की सतत गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। इसके साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षण और आई ई सी की विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं।
मुख्य वक्ता मनोचिकित्सक डॉ सत्यकान्त त्रिवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि पूरी दुनिया के साथ साथ हमारे देश और प्रदेश में भी मानसिक समस्याएं चुनोती बनती जा रही हैं । इनके अंतर्गत बढ़ती नशे की समस्या और आत्महत्या की प्रवृत्ति भी एक वृहद समस्या के रूप में उभरी हैं।
उन्होंने बताया कि मानसिक समस्याओं के उपचार के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है जिसके अंतर्गत सभी जिलों में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आत्महत्या की प्रवृत्ति पर नियंत्रण हेतु मध्यप्रदेश सरकार पूरे देश में सबसे पहले नीति निर्माण हेतु कृत संकल्पित है और कुछ ही माह में प्रदेश की आत्महत्या रोकथाम नीति हमारे सामने होगी जिससे आत्हत्या की रोकथाम में मदद मिलेगी। डॉ सत्यकान्त त्रिवेदी ने कहा कि कोविड के उपरांत मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में बहुत वृध्दि हुई है क्योंकि कोविड ने लोगों को सामाजिकता से दूर करते हुए अकेलापन दिया जिससे हम क्रमशः उबर रहे हैं । डॉ त्रिवेदी ने अपने वक्तव्य में मानसिक स्वास्थ्य हेतु ट्रीटमेंट गैप के साथ साथ इन्फॉर्मेशन गैप पर भी प्रकाश डालते हुए इनके समाधान पर भी चर्चा की।
सेमिनार को भोपाल स्कूल ऑफ सोशल साइंस में मनोवैज्ञान के प्रोफेसर और मनोवैज्ञानिक डॉ विनय मिश्रा और जय प्रकाश चिकित्सालय भोपाल के क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट राहुल शर्मा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर भोपाल स्कूल ऑफ सोशल साइंस के मनोविज्ञान विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा मानसिक स्वास्थ्य आधारित एक नुक्कड़ नाटक की भी प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन विश फाउंडेशन की सीनियर कंसलटेंट रोहिणी ने किया