महाकाल लोक में चायनीज नेट से बनी मूर्तियां लगाई गई, कांग्रेस का आरोप, हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग
भोपाल। उज्जैन में महाकाल लोक आंधी के चलते कई मूर्तियों के खंडित होने के बाद अब सियासत जारी है। महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग चल रही है। उज्जैन में महाकाल लोक का दौरा कर लौटे कांग्रेस के नेताओं में प्रेस कॉफ्रेंस कर भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला।
जांच कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अब तक महाकाल लोक के निर्माण का क्रेडिट लेने का दावा करने वाली भाजपा ने अब स्वीकार कर लिया कि महाकाल लोक का निर्माण कमलनाथ सरकार ने किया था। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक के निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है।
सज्जन सिंह वर्मा ने दावा कि कि 97 करोड़ के टेंडर में नियमों में ताक पर रखकर 97 करोड़ का और निर्माण एजेंसी को दे दिए गए। सज्जन सिंह वर्मा ने दावा किया कि मूर्तियों के निर्माण में चायनीज नेट का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा चाइना के समान के बहिष्कार की बात करती है लेकिन भगवान की मूर्तियों में चाइनीज नेट का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ एफआरवी की मूर्तियों में स्टील के ढांचा को नहीं इस्तेमाल किया गया।
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अब प्रशासन खंडित मूर्तियों को रिपेयर कर फिर लगाने जा रहा है तो सनातन धर्म के विपऱीत है। सनातम धर्म में खंडित मूर्तियां नहीं लगाई जाती है। उन्होंने मूर्तियों के क्वालिटी पर सवाल उठाते हुए कहा कि मूर्तियां पत्थर की लगाई जानी चाहिए। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मंत्री भूपेंद्र सिंह की चुनौती का जवाब देते हुए कहा वह मंत्री को चैलेंज देते हुए कहा कि वह किसी स्थान पर तथ्यों के साथ भ्रष्टाचार का सुबूत देने के साथ बहस के लिए तैयार है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में 50 फीसदी भ्रष्टाचार चल रहा है लेकिन महाकाल लोक में 80 फीसदी भ्रष्टाचार किया गया है। कांग्रेस ने दावा किया कि महाकाल लोक में बहुत हल्के क्वालिटी की मूर्तिया लगाई गई है। कांग्रेस ने महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के सीटिंग जज से कराई जाए।
क्या थी सरकार की सफाई? –महाकाल लोक में मूर्तियों के टूटने के मामले को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया था कि महाकाल लोक के निर्माण में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है और अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो इसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि महाकाल लोक के निर्माण का निर्णय 2017 में भाजपा सरकार के समय किया गया था और 2017 में 100 जमीन का अधिग्रहण निर्णय लिया था और 200 करोड़ की राशि भू-अर्जन के लिए गई थी। 2018 में भाजपा सरकार महाकाल के निर्माण का टेंडर किया गया। इसके बाद कांग्रेस सरकार के समय 7 मार्च 2019 में निर्माण के वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। इसके बाद 18 जून 2019 को कांग्रेस सरकार के समय महाकाल लोक में आर्ट और मूर्तियों को लगाने का निर्णय हुआ और इसके दो पेमेंट 13 जनवरी और 28 फरवरी को कांग्रेस सरकार के समय हुआ है। उस समय सज्जन सिंह वर्मा उज्जैन के प्रभारी मंत्री थे और उस समय के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने इसको देखा था
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि महाकाल परिसर में एफआरवी की 100 मूर्तियां लगी है,जिसकी लागत 7.50 करोड है। उन्होंने कहा कि मूर्तियों पर जो आर्ट है वह सिर्फ एफआरवी पर ही संभव हो पाती और पत्थर पर बहुत समय लगता है। उन्होंने कहा कि महाकाल लोक का निर्माण करने वाली एजेंसी का मेंटनेंस का 3 साल का ठेका है और एजेंसी की ओर से क्षतिग्रस्त 6 मूर्तियों को सहीं करेगी।।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दावा किया कि महाकाल लोक के निर्माण में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। कांग्रेस पूरे मामले पर गंदी राजनीति कर रही है। कांग्रेस ने जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है उसके कोई कोई प्रमाण नहीं है। अगर कांग्रेस भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है तो दो बार कांग्रेस के समय भुगतान हुआ है। अगर कांग्रेस भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है तो उसकी सरकार में भ्रष्टाचार हुआ होगा।