• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Shivraj cabinet reshuffle in Madhya Pradesh soon in election year
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 2 जनवरी 2023 (15:54 IST)

चुनावी साल में मध्यप्रदेश में बदलेगा सरकार का चेहरा, दिग्गजों की होगी छुट्टी तो नए चेहरों को मिलेगी एंट्री !

चुनावी साल में मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट के विस्तार की संभावना, बजट सत्र से पहले मंत्रिमंडल में फेरबदल!

चुनावी साल में मध्यप्रदेश में बदलेगा सरकार का चेहरा, दिग्गजों की होगी छुट्टी तो नए चेहरों को मिलेगी एंट्री ! - Shivraj cabinet reshuffle in Madhya Pradesh soon in election year
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी साल में आज से सरकार और संगठन मिशन मोड पर नजर आ रही है। नववर्ष की छुट्टियों के बाद आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक बड़ी बैठक करने जा रहे है। बैठक में मुख्यमंत्री प्रदेश में विकास के रोडमैप पर चर्चा करने के साथ चुनावी साल में केंद्र और राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने पर विस्तार से बात करेंगे। ऐसे में मध्यप्रदेश में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने है तो सरकार किसी भी प्रकार की रियायत के मूड में नहीं नजर आ रही है। चुनावी साल में मध्यप्रदेश में सरकार के चेहरे में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही है। नए साल पर मध्यप्रदेश में एक बार कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज हो गई है और आने वाले समय में शिवराज कैबिनेट में एक बड़ी सर्जरी तय मानी जा रही है।  
 
शिवराज कैबिनेट में क्षेत्रीय असंतुलन- चुनावी साल में मंत्रिपरिषद में क्षेत्रीय असंतुलन दूर करना भाजपा सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। अगर कैबिनेट में शामिल मंत्रियों और उनके क्षेत्रीय समीकरण पर गौर करें तो वर्तमान में कैबिनेट में ग्वालियर-चंबल संभाग से सबसे ज्यादा 9 मंत्री हैं। मंत्रिपरिषद में ग्वालियर-चंबल अंचल से कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया,यशोधरा राजे सिंधिया और अरविंद भदौरिया के साथ राज्यमंत्री  भारत सिंह कुशवाहा, ओपीएस भदौरिया, सुरेश धाकड़ और  बृजेंद्र सिंह यादव के नाम शामिल है।
 
ग्वालियर-चंबल के साथ मंत्रिपरिषद में मालवा-निमाड़ से भी 9 मंत्री शामिल हैं। जिसमें कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, विजय शाह, ऊषा ठाकुर, मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग, प्रेम सिंह पटेल,  राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और ओमप्रकाश सखलेचा है। वहीं बुंदेलखंड से मंत्रिपरिषद में 4 कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह,  गोविंद सिंह राजपूत और बृजेंद्र प्रताप सिंह और नर्मदापुरम से  कमल पटेल, प्रभुराम चौधरी और विश्वास सारंग के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुधनी विधानसभा सीट भी नर्मदापुरम में आती है।

वहीं अगर विंध्य की बात करें तो विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी विंध्य क्षेत्र से रामखेलावन पटेल, मीना सिंह के साथ कांग्रेस से भाजपा में आए बिसाहूलाल सिंह को ही जगह मिली थी। वहीं प्रदेश की राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण महाकौशल क्षेत्र से मंत्रिपरिषद में मात्र एक राज्यमंत्री रामकिशोर कांवरे शामिल है। 
 
मंत्रिपरिषद में जातीय समीकरण-नए साल में मध्यप्रदेश में शिवराज कैबिनेट में मंत्रिमंडल में विस्तार की संभावना जताई जा रही है। अगर मौजूदा समय में शिवराज कैबिनेट की बात करें तो वर्तमान में कुल 31 मंत्री है और मंत्रिपरिषद में चार पद खाली है। अगर मंत्रिपरिषद में जातीय संतुलन की बात करे तो कैबिनेट में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व ओबीसी वर्ग का है जिसके मंत्रियों की संख्या 10 है। वहीं इसके बाद मंत्रिपरिषद में 9 मंत्री राजपूत वर्ग से आते है। वहीं 2 मंत्री ब्राहाम्ण और एसटी वर्ग के 4, एससी वर्ग के 3 और एक-एक मंत्री कायस्थ, सिख और जैन समाज से आता है।
 
चुनावी साल में कैबिनेट विस्तार की संभावना-ऐसे में चुनावी साल में मंत्रिपरिषद में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाए रखने के लिए कई जल्द ही कैबिनेट विस्तार की संभावन जताई जा रही है। जनवरी के दूसरी पखवाड़ में कैबिनेटे मंत्री संभावित विस्तार में कई सीनियर और नॉन परफॉर्मिग मंत्रियों की छुट्टी की जा सकती है। वहीं क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए विंध्य औऱ महाकौशल से कई नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। 
 
मंत्रिमंडल के विस्तार में कैबिनेट में आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के साथ एससी वर्ग से नए चेहरों को भी जगह दी जा सकती है। गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद मध्यप्रदेश में ‘गुजरात मॉडल’ को लागू करने की अटकलें लगाई जा रही है। अगर मध्यप्रदेश में भाजपा गुजरात मॉडल को लागू करती है तो कैबिनेट से कई दिग्गज सीनियर मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।