मध्यप्रदेश में समय पर होंगे पंचायत चुनाव, जबलपुर हाईकोर्ट ने खारिज की कांग्रेस की याचिका
भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। कांग्रेस की ओर से पंचायत चुनाव को लेकर लगाई गई याचिका को जबलपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होने के बाद अब पंचायत चुनाव के तय समय पर होने के रास्ता लगभग साफ हो गया है। वहीं याचिकाकर्ता और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने कहा कि वह हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
दूसरी ओर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस पंचायत चुनाव में हार के डर से पलायन कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में हार के डर से कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए भी पंचायत चुनाव को टालने की कोशिश की और अज भी यहीं कर रही है।
इससे पहले आज जबलपुर हाईकोर्ट में ग्वालियर, इंदौर खंडपीठ में भी लगी सभी याचिकाओं पर एक साथ करीब 40 मिनट तक सुनवाई है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। कांग्रेस की तरफ से सासंद व वरिष्ठ वकील विवेक तनखा ने पंचायतों के 2019 के परिसीमन और आरक्षण निरस्तीकरण के शिवराज सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संसोधन) अध्यादेश 2021 लाकर कमलनाथ सरकार के 2019 वाले पंचायत के परिसीमन और आरक्षण को समाप्त कर दिया था।
चुनाव की तारीखों का हो चुका है एलान- गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया गया है। प्रदेश में पंचायत चुनाव तीन चरणों में होंगे। दिसबंर से शुरु होकर चुनाव प्रक्रिया 23 फरवरी तक पूरी होगी।
पंचायत चुनाव में पहले चरण का मतदान 6 जनवरी को, दूसरे चरण का 28 जनवरी और तीसरी चरण का 16 फरवरी को मतदान होगा। पंचायत चुनाव में सुबह 7 बजे से तीन बजे तक वोट डाले जाएंगे। चुनाव की मतगणना 28 जनवरी, 1 फरवरी, 2 फरवरी और 22 फरवरी, 23 फरवरी को मतदान होंगे।