2023 विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता के सेमीफाइनल निकाय चुनाव शिवराज सरकार का लिटमस टेस्ट
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग की ओर निकाय चुनाव की तारीखों का एलान के साथ सियासी शंखनाद हो गया है। दलीय आधार पर लड़ने जाने वाले निकाय चुनाव को 2023 विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव इस बार दोहरी प्रणाली से होने जा रहे है। इसमें प्रदेश की 16 नगर निगम में महापौर और पार्षदों के जनता सीधे चुनेगी औऱ जनता का सीधे यहीं निर्वाचन भाजपा के लिए लिटमस टेस्ट है। वहीं नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव निर्वाचित पार्षद करेंगे।
दांव पर शिवराज सरकार की प्रतिष्ठा-मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव शिवराज सरकार के लिए एक तरह का लिटमस टेस्ट है। 16 नगर निगम के नतीजे मध्यप्रदेश की 2023 की राजनीति की दिशा-दशा तय करेंगे। निकाय चुनाव को लेकर भाजपा पूरे एक्शन में है। सियासत के जानकार मानते है कि निकाय चुनाव को लेकर इस बार जो दोहरी प्रणाली अपनाई गई है, उसका सीधा कनेक्शन भाजपा को होने वाले नफा या नुकसान से है। राजनीति के जानकार कहते हैं कि 16 नगर निगम वाले बड़े जिलों में शहरी वोटर का रूझान भाजपा की ओर है इसलिए पार्टी वहां पर प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली अपना रही है। वहीं छोटे जिलों में स्थिति बहुत कुछ भाजपा के पक्ष में अनुकूल नहीं है इसलिए अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से कराए जा रहे है।
निकाय चुनाव को लेकर भाजपा किस कदर गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा हर नगर निगम का अलग-अलग घोषणा पत्र जारी करेगी। इसके साथ प्रदेश स्तर पर एक घोषणा पत्र अलग से जारी किया जाएगा। इसके साथ पार्टी बड़ी नगर पालिका स्तर पर भी अलग से घोषणा पत्र जारी करने पर विचार कर ही है। घोषणा पत्र तैयार करने के लिए पार्टी अलग अलग वर्ग के लोगों से चर्चा कर सुझाव लेने का काम करेगी। निकाय चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर छिड़े घमासान का असर भी निकाय चुनाव के परिणाम पर दिखाई देगा।
कांग्रेस दम दिखाने को तैयार-वहीं निकाय चुनाव में कांग्रेस पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ कह चुके है कि पार्टी पूरी ताकत के साथ निकाय चुनाव में उतरेगी। निकाय चुनाव में पार्षद प्रत्याशियों के नामों का चयन जिला स्तर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से गठित समिति करेगी। नगर निगम में प्रत्याशी चयन समिति में समिति के अध्यक्ष शहर एवं जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। इसके साथ प्रत्येक जिले के लिए एक वरिष्ठ नेता को प्रभारी बनाने के साथ एक उपप्रभारी एवं एक समन्वयक भी नियुक्त किया जाएगा। समिति में जिला कांग्रेस अध्यक्ष, स्थानीय विधायक और संसाद के साथ-साथ 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार रहे नेता भी शामिल होंगे।
कांग्रेस में निकाय चुनाव में उम्मीदवार के चयन में स्थानीय तौर पर उम्मीदवार की सक्रियता, चुनाव जीतने की क्षमता और पार्टी के प्रति समर्पण अहम पैरमीटर होगा। 2023 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस निकाय चुनाव के जरिए अपने जमीनी कार्यकर्ताओं को फिर से रिचार्ज करने के एक अवसर के तौर पर देख रही ैह।