MP नर्सिंग घोटाले में 100 से अधिक अफसरों पर कार्रवाई की तलवार, रिश्वतखोर इंस्पेक्टर बर्खास्त
भोपाल। मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाला का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। हाईकोर्ट और सरकार के कड़े एक्शन के बाद अब इस पूरे मामले की जांच में लगे 100 से अधिक अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लड़ रही है। वहीं पूरे मामले में सीबीआई के अफसरों की रिश्वतखोरी के खुलासे के बाद अब हाईकोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया है। हाईकोर्ट ने सीबीआई की जांच में सूटेबल (फिट) पाए गए 169 नर्सिंग कॉलेजों की दोबारा जांच करने के आदेश दिए है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की याचिका पर ये आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने इस बार पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराने को भी कहा है।
रिश्वतखोर सीबीआई इंस्पेक्टर बर्खास्त-वहीं पूरे मामले में अब सरकार भी सख्ती के मूड में नजर आ रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त तेवर के बाद सरकार ने रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील मजोका को बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त सुशील मजोका मध्यप्रदेश पुलिस में इंस्पेक्टर पद पर पदस्थ था और डेपुटेशन पर सीबीआई पर था। नर्सिंग घोटाले की जांच के दौरान सुनील मजोका ने नर्सिंग कॉलेजों को सूटेबल दर्शाने के लिए रिश्वत ली थी। इससे पहले रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।
कांग्रेस ने हाईकोर्ट के फैसले का किया स्वागत-NSUI नेता व नर्सिंग घोटाले के व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि नर्सिंग महाघोटाले में घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई अफसरों की संलिप्तता उजागर होने के बाद हाईकोर्ट ने दोबारा होने वाली जांच में संबंधित जिले के न्यायिक मजिस्ट्रेट भी सीबीआई के साथ मौजूद रहेंगे। इन सभी कॉलेजों के संचालक और प्रिंसिपल की उपस्थिति में जांच कराई जाएगी। बता दें कि नर्सिंग घोटाले में अहम मोड़ तब आया जब व्हिसलब्लोअर रवि परमार ने जांच में शामिल सीबीआई अधिकारियों की मिलीभगत की शिकायत की। परमार ने अपने प्रतिनिधि मंडल के साथ 15 अप्रैल 2024 को सीबीआई कार्यालय में की थी। उसके बाद दिल्ली सीबीआई ने मध्यप्रदेश के सीबीआई अधिकारीयों और कालेज संचालकों पर कार्यवाही करते हुए 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। रवि परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन ने सीबीआई जांच में अपात्र ( अनसूटेबल ) पाए गए 66 नर्सिंग कॉलेजों को सील करने के आदेश दिए हैं, जिससे स्पष्ट हो गया कि मध्यप्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे थे।
परमार ने मांग करते हुए कहा कि जिन 66 नर्सिंग कॉलेज को सील करने के आदेश दिए हैं उन कॉलेजों को मान्यता देने वाले अधिकारियों पर भी तत्काल कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से भी मुलाकात के लिए समय मांगा है। परमार ने कहा कि सीएम यादव अगर मुलाकात के लिए समय देते हैं तो कागजों में चल रहे कई अन्य कॉलेजों की लिस्ट भी साक्ष्य सहित उन्हें हम सौंपेंगे जिससे जो मध्यप्रदेश नर्सिंग कालेजों ने जो गंदगी फैलाई है उसका सफाया हो सके।