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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 14 जनवरी 2021 (15:09 IST)

भाजपा में नहीं चली सिंधिया की प्रेशर पॉलिटिक्स,नई कार्यकारिणी में समर्थकों को जगह नहीं

भाजपा में नहीं चली सिंधिया की प्रेशर पॉलिटिक्स,नई कार्यकारिणी में समर्थकों को जगह नहीं - Jyotiraditya Scindia pressure politics in BJP ineffective
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर गर्मा गई है।  लगभग पांच साल बाद घोषित हुई मध्यप्रदेश भाजपा कई कार्यकारिणी में एक भी सिंधिया समर्थक का नाम नहीं होने पर जहां कांग्रेस तंज कस रही है वहीं सिंधिया समर्थकों ने मौन साध लिया है। पिछले साल मार्च में अपने 22 विधायकों और हजारों समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने एक भी कट्टर समर्थक को संगठन में शामिल नहीं करा सके। विधानसभा उपचुनाव हराने वाले सिंधिया समर्थक विधायकों को भी संगठन में एडजस्ट नहीं किया गया है।
पिछले दिनों जिस तरह का दबाव बनाकर सिंधिया ने अपने समर्थकों को मंत्रिमंडल में जगह दिलाई थी उससे इस बात के कयास लग रहे थे कि संगठन में भी उऩका दबदबा कायम रहेगा लेकिन 40 सदस्यीय भाजपा की नई कार्यकारिणी में कभी सिंधिया की कट्टर समर्थक को जगह नहीं मिलने से उनके समर्थक काफी निराश है। पिछले दिनों जब सिंधिया के दो कट्टर समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत फिर से मंत्री बनाए गए थे तब भी सिंधिया की शपथ ग्रहण कार्यक्रम से  दूरी काफी सुर्खियों में रही थी।   
 
वहीं प्रदेश भाजपा की नई कार्यकारिणी में सिंधिया समर्थकों के नाम नहीं और पुराने चेहरों को नहीं शामिल करने पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि अब सब भाजपा है, कोई व्यक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि यह टीम वीडी नहीं,टीम भाजपा है। उन्होंने कहा कि अब कोई किसी गुट का नहीं है सभी भाजपा के है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक तंत्र के आधार पर और एक सिस्टम से काम करती है। यहां सब पार्टी के कार्यकर्ता होते हैं और कोई किसी का समर्थक नहीं होता है और पार्टी एक पद्धति पर काम करती है और यहां प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए काम है। नई नियुक्तियों पर उन्होंने कहा कि यह पद नहीं है एक जिम्मेदारी है और अब पूरी टीम भाजपा को आत्मनिर्भर बनाने में जुटेंगी।
 
मध्यप्रदेश भाजपा की नई टीम के गठन में केंद्रीय नेतृत्व की आयु सीमा संबंधी गाइडलाइन का पालन किया गया है। कार्यकारिणी में शामिल किए गए अधिकतर पदाधिकारी 55 साल से कम उम्र के है। इस तरह भाजपा ने नए चेहरों को आगे आकर 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी भी शुरु कर दी है। 
 
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