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Last Updated :भोपाल , रविवार, 16 जून 2024 (09:25 IST)

रायसेन में शराब फैक्टरी में बालश्रम का खुलासा होने पर नाराज CM मोहन यादव, जिला आबकारी अधिकारी सहित 3 आबकारी उपनिरीक्षक सस्पेंड

रायसेन में शराब फैक्टरी में बालश्रम का खुलासा होने पर नाराज CM मोहन यादव, जिला आबकारी अधिकारी सहित 3 आबकारी उपनिरीक्षक सस्पेंड - Chief Minister Mohan Yadav angry over revelation of child labour in liquor factory
Child labour exposed in liquor factory : रायसेन जिले में शराब बनाने वाली कंपनी के फैक्टरी में बालश्रम का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त एक्शन के बाद कन्हैयालाल अतुलकर, प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी, मैसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड, सेहतगंज को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ रायसेन जिले के तीन आबकारी उप निरीक्षक भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए है। इसमें उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार शामिल हैं। 
 
गौरतलब है कि शराब फैक्टरी में नाबालिग बच्चों के काम करते हुए पकड़ाए जाने पर मुख्यमंत्री ‌डॉ. मोहन यादव ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। मुख्यमंत्री ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

क्या है पूरा मामला : राजधानी भोपाल से सटे रायसेन जिले में शराब बनाने की नामी फैक्टरी पर छापे में 58 बाल मजदूर मुक्त कराए गए थे। बचपन बचाओ आंदोलन की शिकायत पर एनसीपीसीआर ने की छापे की कार्रवाई में 58 बच्चों को मुक्त कराया गया था जिसमे 19 लड़कियां शामिल हैं।

बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए एक बेहद अहम और सख्त कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने एसोसिएशन फॉर वालंटरी एक्शन जिसे बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) के नाम से जाना जाता है, के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में शराब बनाने की एक नामी फैक्टरी पर छापे की कार्रवाई में 58 बाल मजदूरों को मुक्त कराया।

बीबीए की सूचना पर एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अगुआई में ‘सोम डिस्टिलरी’ पर मारे गए इस छापे में मुक्त कराए गए बच्चों में 19 लड़कियां और 39 लड़के हैं। इस मामले में कानूनी कार्रवाई जारी है और मुक्त कराए गए बच्चों को सुरक्षित जगह भेज दिया गया है।

खतरनाक रसायनों और अल्कोहल के संपर्क में आने से खासतौर से इन बच्चों के हाथ और शरीर के अन्य हिस्से जले हुए थे। प्रशासन की आंख में धूल झोंकने के लिए इन बच्चों को स्कूल बस से डिस्टिलरी पहुंचाया जाता था जहां इनसे मामूली तनख्वाह पर रोजाना 12-14 घंटे काम कराया जाता था। बताते चलें कि सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रेवरीज शराब, बीयर और अन्य अल्कोहल उत्पाद बनाने वाली एक आईएसओ प्रमाणित कंपनी है।

इस मामले में आबकारी अधिकारी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है जिनका कार्यालय इसी डिस्टिलरी के परिसर में है। सरकारी नियमों के अनुसार किसी भी डिस्टिलरी के कामकाज की निगरानी के लिए उस डिस्टिलरी के परिसर में आबकारी अधिकारी की मौजूदगी अनिवार्य है।

बच्चों को मुक्त कराने की इस कार्रवाई पर संतोष जाहिर करते हुए बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक मनीष शर्मा जो कि छापामार टीम में भी शामिल थे, ने कहा, अल्कोहल और रसायनों की दुर्गंध हम जैसे वयस्कों के लिए भी असहनीय है। कल्पना ही की जा सकती है कि ये बच्चे इन स्थितियों में कैसे रोजाना इतने घंटे काम कर रहे थे। हम इस डिस्टिलरी के मालिकों के खिलाफ बेहद सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं ताकि यह दूसरों के लिए भी एक उदाहरण साबित हो सके।

हम ऐसी भयावह स्थितियों में काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराने का अपना अभियान जारी रखेंगे लेकिन देश को बाल मजदूरी के खिलाफ कड़े कानूनों और इसके खिलाफ निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। सरकार से हमारी अपील है कि वह बच्चों की ट्रैफिकिंग और बाल मजदूरी को रोकने के लिए कड़े से कड़े कदम उठाए ताकि बच्चों के साथ इस अन्याय और अत्याचार को रोका जा सके।

बताते चलें कि इससे पहले 14 जून को एनसीपीसीआर ने बीबीए की शिकायत पर इसी जिले के मंडीदीप कस्बे में छापे की कार्रवाई में 25 लड़कियों सहित कुल 36 बाल मजदूरों को मुक्त कराया था। एनसीपीसीआर ने जून को ‘एक्शन मंथ’ घोषित कर रखा है और पूरे देश में बच्चों की ट्रैफिकिंग और उन्हें बाल मजदूरी से मुक्त कराने के इस अभियान में बीबीए उसका सहयोग कर रहा है।

सरकार का एक और बड़ा एक्शन : रायसेन जिले की शराब फैक्ट्री में बालश्रम के मामले में डॉ. मोहन यादव सरकार ने एक और बड़ा एक्शन लिया है। आबकारी विभाग के बाद अब श्रम विभाग ने कार्यवाही की है। श्रम निरीक्षक मंडीदीप राम कुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया है।

श्रमायुक्त ने आदेश जारी किया है। यह निलंबन आवंटित कार्य क्षेत्र में बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 का प्रभावी प्रवर्तन नहीं करने,कर्तव्य के प्रति लापरवाही और उदासीनता बरतने पर किया गया है।