अर्जुनसिंह की पत्नी सरोज अपने ही बेटे कांग्रेस नेता अजयसिंह के खिलाफ कोर्ट पहुंचींं
भोपाल। मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह की मुश्किलें उस समय बढ़ गईं जब उनकी मां एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह की पत्नी ने उनके खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे अर्जुनसिंह की 84 वर्षीय पत्नी सरोज कुमारी ने अपने बेटे अजयसिंह के खिलाफ घरेलू हिंसा और संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जे का मामला लगाया है। सरोज के साथ उनकी बेटी वीनासिंह और उद्योगपति सेम वर्मा भी भोपाल कोर्ट पहुंचे।
अधिवक्ता दीपेश जोशी के अनुसार इस प्रकरण में अजय सिंह के अलावा उनकी पत्नी सुनीति सिंह और बड़े पुत्र अभिमन्यु सिंह (बेंगलूरु निवासी) को भी प्रतिवादी बनाया गया है। अदालत के समक्ष पेश किए गए परिवाद में सरोज कुमारी ने कहा है कि उनके पति अर्जुन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। उनके पति ने भोपाल के समीप रातीबड़ क्षेत्र में 'देवश्री, केरवा कोठी' बनवाई थी, जिस पर उनके पति और उनका अधिकार है।
परिवाद में कहा गया है कि अर्जुन सिंह का निधन चार मार्च 2011 को दिल्ली में हुआ था और उनकी अंत्येष्टि राज्य के चुरहट में की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह के निधन के बाद से ही अजय सिंह उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं और उन्हें भोपाल आने पर इस मकान में रहने नहीं दिया गया। वह अपने पति की अंतिम क्रियाएं कर दिल्ली लौट गयीं। वे वर्तमान में ग्रेटर नोएडा में एक आवास में रहती हैं।
परिवाद के अनुसार अजय सिंह ने उन्हें कभी वापस लाने का प्रयास नहीं किया और न ही अपने साथ रखने का अनुरोध किया। जबकि वह अपने पति के निधन के बाद से ही केरवा कोठी में निवास की इच्छुक थीं। वर्तमान में वह चलने फिरने के भी लायक नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया है कि अनावेदक क्रमांक एक (यानी अजय सिंह) ने न तो उनके भरण पोषण की व्यवस्था की और न ही उन्हें अपने आवास में आने दिया गया। यह कृत्य स्वयं ही घरेलू हिंसा का परिचायक है।
सरोज कुमारी ने अदालत ने अनुरोध किया है कि उनके साथ घरेलू हिंसा नहीं करने और किसी भी तरह की बातचीत करने से रोकने के लिए आदेश दिया जाए। उन्होंने अदालत से यह भी अनुरोध किया है कि केरवा कोठी को रिक्त कराकर यह आवास उन्हें सौंपने का आदेश पारित किया जाए। परिवाद में मासिक भरण पोषण की मांग भी की गई है।
उन्होंने कहा कि उनके पति अर्जुनसिंह ने जीवयपर्यंत कांग्रेस में रहकर उन उसूलों के तहत कार्य किया जिनमें महिला अधिकारों का संरक्षण किया जाता है। इन उसूलों को ताक में रखकर मेरे पुत्रों ने मुझे अपने ही घर से बेदखल कर दिया, जो कि कांग्रेस के उसूलों के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि मैंने माननीय न्यायालय से इस मामले में सहायता चाही है। साथ ही अजयसिंह को उक्त निवास से पृथक किए जाने का भी अनुरोध किया है।