Satna Assembly Election 2023 : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी बिगुल बज चुका है। प्रदेश के सतना जिले की सातों विधानसभा सीटों पर सोलहवें विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है और अन्य प्रभावी उम्मीदवारों की उपस्थिति ने मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है। इस वजह से इस जिले में अप्रत्याशित नतीजों से भी इनकार नहीं किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनावी बिगुल बज चुका है। प्रदेश के अहम जिलों में शामिल सतना जिले में भी राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। सतना सीट के राजनीतिक इतिहास पर गौर करें तो यह सीट बीजेपी की गढ़ रही है। 1990 से लेकर अब तक 7 चुनाव में बीजेपी को 5 बार यहां से जीत मिली जबकि 2 बार (1998 और 2018) कांग्रेस के खाते में जीत गई। भाजपा ने सतना सीट से एक सांसद को टिकट देकर यहां का सियासी पारा और तेज कर दिया है। फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है।
वर्ष 2018 के चुनाव में मैहर, अमरपाटन, नागौद, रामपुरबघेलान और रैगांव में भाजपा ने तथा सतना और चित्रकूट में कांग्रेस ने अपना परचम फहराया था। बाद में भाजपा विधायक जुगलकिशोर बागरी के निधन के कारण रैगांव में उपचुनाव हुआ और कांग्रेस की कल्पना वर्मा ने विजय हासिल की।
जोर पकड़ चुका है चुनाव प्रचार अभियान : विंध्य अंचल में स्थित इस जिले में चुनाव प्रचार अभियान पूरी तरह जोर पकड़ चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी भी चुनावी सभाएं ले चुके हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी सातों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और पार्टी प्रमुख मायावती भी इस जिले में चुनावी सभा को संबोधित कर चुकी हैं।
समाजवादी पार्टी (सपा) ने चार सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी चुनावी सभा संबोधित करने दो-तीन दिन में आएंगे। आम आदमी पार्टी (AAP) के चार प्रत्याशियों की मौजूदगी के बीच इस दल के वरिष्ठ नेता भी इस जिले में प्रचार अभियान में जुटे हैं।
भाजपा बना रही विकास योजनाओं को मुख्य मुद्दा : भाजपा जहां केंद्र और राज्य सरकार की विकास योजनाओं को मुख्य मुद्दा बना रही है, वहीं कांग्रेस भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई और इस तरह की अन्य समस्याओं को उठाकर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने का प्रयास कर रही है। भाजपा पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के पंद्रह माह के क्रियाकलापों को भी उठाने से नहीं चूक रही है।
सतना जिले की सतना विधानसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद (सतना) गणेश सिंह पर दाव खेलकर पार्टी इस सीट को कांग्रेस से छीनने का पूरा प्रयास कर रही है। सिंह के मुकाबले में कांग्रेस के मौजूदा विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। यहां से भाजपा के युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष रत्नाकर चतुर्वेदी पार्टी से बगावत करते हुए बसपा प्रत्याशी के रूप में डटे हैं।
भाजपा, कांग्रेस और बसपा के बीच होगा त्रिकोणीय मुकाबला : आप से डॉक्टर संतोष शर्मा और सपा से हाजी मोईन खान भी प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। भाजपा, कांग्रेस और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है, लेकिन सपा और आप के प्रत्याशी भी कुछ वोट काटकर प्रमुख दलों के राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकते हैं। इस विधानसभा सीट पर दो लाख 45 हजार 814 मतदाता कुल 29 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 17 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद कर देंगे।
भाजपा प्रत्याशी को मिल रही गंभीर चुनौती : चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी एक बार फिर विधानसभा में पहुंचने के लिए पूरी मशक्कत कर रहे हैं। उन्हें भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह गहरवार से गंभीर चुनौती मिल रही है। यहां से बसपा और सपा के प्रत्याशी भी ताल ठोक रहे हैं। कुल 16 प्रत्याशी इन दिनों चुनावी रण में प्रचार अभियान में जुटे हैं।
अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की मौजूदा विधायक कल्पना वर्मा और भाजपा की प्रतिमा बागरी के बीच कांटे की टक्कर है। यहां से बसपा ने देवराज अहिरवार और विंध्य जनता पार्टी ने रानी बागरी पर दाव खेला है। यहां प्रत्याशियों की कुल संख्या 15 है। विधानसभा क्षेत्र नागौद में भाजपा के नागेंद्र सिंह, कांग्रेस की डॉ. रश्मि पटेल, बसपा के यादवेन्द्र सिंह समेत कुल 14 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा विधायक ने मुकाबले को बनाया त्रिकोणीय : मैहर विधानसभा सीट पर भाजपा के श्रीकांत चतुर्वेदी पार्टी का कब्जा बरकरार रखने के लिए पुरजोर कोशिश में हैं। कांग्रेस के धर्मेश घई और विंध्य जनता पार्टी के नेता नारायण त्रिपाठी ने मुकाबले को काफी रोचक बना दिया है। त्रिपाठी इस सीट से वर्तमान में भाजपा के विधायक हैं। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने विंध्य जनता पार्टी का गठन कर इस सीट पर अपनी उम्मीद्वारी पेश की और मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया।
इस सीट पर कुल 17 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे। अमरपाटन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से रामखेलावन पटेल, कांग्रेस से डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह, बसपा से छंगेलाल कोल और विंध्य जनता पार्टी से शशि सत्येंद्र शर्मा सहित 16 प्रत्याशी मैदान में है। रामपुर बघेलान में विक्रम सिंह भाजपा से, रामशंकर पयाशी कांग्रेस से, मणिराज पटेल बसपा और प्रमोद कुमार शुक्ला सपा से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यहां प्रत्याशियों की कुल संख्या 17 है।
सतना जिले की सात विधानसभा की सीटों पर कुल 16 लाख 89 हजार 66 मतदाता लगभग 1950 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। इनमें 8 लाख, 83 हजार, 823 पुरुष और 8 लाख, 5 हजार, 233 महिला मतदाता तथा 10 अन्य (थर्ड जेंडर) मतदाता शामिल हैं। सत्रह नवंबर को सभी सीटों पर एकसाथ मतदान के बाद नतीजे 3 दिसंबर को मतगणना के बाद सामने आएंगे।
Edited By : Chetan Gour