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Last Updated : सोमवार, 29 अप्रैल 2024 (13:21 IST)

मप्र के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के दांव से इंदौर में कांग्रेस चारों खाने चित

Kailash Vijayvargiya
Congress candidate from Indore Akshay Bam withdraws nomination: कांग्रेस को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी के बड़े-बड़े दावे भी धरे के धरे रह गए। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का एक दांव और कांग्रेस चारों खाने के ‍चित हो गई। चुनाव हारना-जीतना अलग मुद्दा हो सकता है, लेकिन अब इंदौर संसदीय सीट पर कांग्रेस के पास चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार ही नहीं बचा है।
कहा तो यह भी जा रहा है कि इस पूरे मामले पटकथा पर उस समय से काम शुरू हो गया था, जब कांग्रेस के डमी उम्मीदवार मोती सिंह पटेल का नामांकन निरस्त हो गया था। इसके बाद कांग्रेस की ओर से एकमात्र अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम ही बचे थे। अक्षय ने रविवार को चंदन नगर क्षेत्र में चुनव प्रचार के दौरान जय श्रीराम के नारे भी लगाए थे। अटकलें तभी से शुरू हो गई थीं कि अक्षय कांग्रेस को दगा दे सकते हैं। 
 
इंदौर की राजनीति की इस फिल्म का पटकथा लेखक कैलाश विजयवर्गीय को माना जा रहा है। जिस तरह कैलाश विजयवर्गीय के साथ अक्षय कार में नजर आए थे, उससे इशारा उसी तरफ जा रहा है। कार में कैलाश के खास कहे जाने वाले दो नंबर विधायक रमेश मेंदोला भी नजर आ रहे थे। हालांकि कलेक्टर कार्यालय में कैलाश अक्षय के साथ नजर नहीं आए, लेकिन रमेश मेंदोला और जीतू यादव अक्षय के साथ नजर आए। 
 
अक्षय ने क्यों सरेंडर ‍किया : पिछले दिनों से पूरी ताकत से जनसंपर्क में जुटे अक्षय बम ने अचानक क्यों सरेंडर कर दिया, इसको लेकर तरह-तरह की बातें भी सामने आ रही हैं। अक्षय का परिवार इंदौर में एक बड़ा लॉ कॉलेज संचालित करता है, इसको लेकर भी अनियमितताएं सामने आ रही थीं। इस कॉलेज में मरे हुए प्रोफेसर को भी फैकल्टी बता दिया गया था। कॉलेज से जुड़ी और भी अनियमितताएं सामने आई हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि खजराना थाना क्षेत्र का 17 साल पुराना मामला भी खुल गया था। एक महिला से जुड़ा मामला भी खुलने की खबर है। बताया जा रहा है कि अक्षय इनके चलते दबाव में आ गए थे। 
 
कांग्रेस से क्यों नाराज थे अक्षय : वहीं, अक्षय के समर्थकों का कहना है कि बम कांग्रेस नेताओं के असहयोग से काफी नाराज थे। राष्ट्रीय नेता भी चुनाव प्रचार के लिए इंदौर नहीं आ रहे थे। एक तरह से अक्षय अकेले पड़ गए थे। आपको बता दें कि अक्षय ने विधानसभा में 4 नंबर से टिकट के लिए दावा किया था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई थी। 
 
अक्षय के इस फैसले से भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी को वॉकओवर मिल गया है। लेकिन, दूसरी ओर इस पूरी कवायद से इंदौर के विधानसभा सभा क्षेत्र क्रमांक 1 से विधायक एवं नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का कद प्रदेश की राजनीति में और बढ़ जाएगा। कैलाश और उनकी टीम ने इस ऑपरेशन को इस तरह अंजाम दिया कि कांग्रेसियों को खबर भी नहीं लग पाई। सुबह अक्षय ने रोज की तरह प्रचार भी किया था, लेकिन जब वे रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टर पहुंचे तो कांग्रेसियों के साथ भाजपाई भी चौंक गए। ...और इंदौर की जनता किंकर्तव्यविमूढ़। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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