2014 में दिल्ली में भाजपा सरकार बनने के बाद 1 मई को पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में जा रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार अयोध्या जा रहे प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।
1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद ऐसा पहली बार होगा कि कोई प्रधानमंत्री अयोध्या चुनावी सभा करने जा रहा है। लगभग 30 साल पहले 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी अयोध्या गए थे। इसके बाद हुए सभी लोकसभा चुनाव में एक तरह से सभी प्रधानमंत्रियों ने अयोध्या में अपनी दूरी बना ली।
इस बार के लोकसभा चुनाव में अयोध्या में उस वक्त फिर चर्चा में आई जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अयोध्या में एक बड़ा रोड शो किया। प्रियंका के रोड शो के बाद ही इस बात की चर्चा होने लगी थी कि क्या प्रधानमंत्री भी अयोध्या आएंगे।
अब तक के प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री अयोध्या जिले से सटे गोसाईगंज में एक बड़ी चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री अपने दौरे के दौरान अयोध्या में प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी सहित रामलाल के दर्शन करेंगे ये अभी तय नहीं है।
14 सीटों को प्रभावित करती है अयोध्या : अवध प्रांत में आने उत्तरप्रदेश की 14 सीटों पर 6 मई को होने वाले मतदान से पहले प्रधानमंत्री की ये दौरा और चुनावी रैली काफी अहम रोल अदा कर सकती है। अयोध्या जिला, जो फैजाबाद संसदीय सीट में आता है, इस पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है।
भाजपा ने इस बार फिर अपने वर्तमान सांसद लल्लू सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री और महागठबंधन की ओर से सपा के आनंद सेन यादव चुनावी मैदान में हैं।
फैजाबाद के साथ ही भगवान राम की नगरी कहलाने वाली अयोध्या कई अन्य लोकसभा सीटों गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, कैसरगंज,सीतापुर, धौरहरा, लखनऊ, अमेठी, रायबरेली पर भी अपना प्रभाव डालती है।
इनमें से अमेठी और रायबरेली छोड़ 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी पर अपना कब्जा जमाया था। भाजपा प्रधानमंत्री की इस रैली के जरिए इन सीटों पर चुनावी समीकरण अपने पक्ष में करेने की कोशिश कर रही है।
अयोध्या जिले में पहली सभा करने वाले प्रधानमंत्री होंगे मोदी : अयोध्या जिले में चुनावी सभा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और इतिहास बना देंगे। उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी अदित्यानाथ ने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था।
जिले का नाम अयोध्या होने के बाद किसी प्रधानमंत्री की ये पहली रैली होगी। इससे पहले 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और 1989 में इंदिरा गांधी के बेटे और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत अयोध्या से की थी।
इसके अलावा एचड़ी देवगौड़ा और अटलबिहारी वाजपेयी भी अलग- अलग कारणों से दो बार अयोध्या आ चुके हैं, लेकिन दोनों ने ही रामलला के दर्शन नहीं किए।
राममंदिर नहीं बनने के लिए कांग्रेस जिम्मेदार : अयोध्या मे राममंदिर नहीं बनने के लिए भाजपा कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराती है। पिछले दिनों एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर नहीं बनने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि कोर्ट में कांग्रेस के नेता वकील बनकर राममंदिर का विरोध करते है, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने राममंदिर नहीं बनने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था।