जंग की तस्वीर बदल गई है और लड़ाकू विमानों की भूमिका अहम हो गई है। अब इन्हें ज्यादा मारक और फुर्तीला बनाने के साथ ही रडारों की पकड़ में आने से बचाने पर भी जोर है। देखिये दुनिया के सबसे उन्नत और कामयाब लड़ाकू विमानों को।
एफ-22 रैप्टर
अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन का यह विमान रडारों के लिए लगभग अदृश्य रहता है। इसे अब तक का सबसे आधुनिक, महंगा और उन्नत लड़ाकू विमान माना जाता है। इसके कई सेंसर और विमान से जुड़ी कई तकनीकों को गोपनीय रखा गया है। वर्तमान में अमेरिकी वायुसेना की जान यही विमान है। अमेरिका ने इसे अब तक किसी और देश को नहीं बेचा है।
एफ-35
एफ-35 को भी लॉकहीड मार्टीन ने ही बनाया है। यह एफ-22 से थोड़ा छोटा है और उसमें एक ही इंजिन है हालांकि कई चीजें इसमें एफ-22 जैसी ही हैं। यह अपनी गुप्त चालों के लिए विख्यात है और आसानी से रडारों की पकड़ में नहीं आता। वायु रक्षा अभियानों में यह कई तरह से उपयोगी है। हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है और बमों की वर्षा करने में माहिर।
चेंगदू जे-20
चीन ने इस विमान को रूस की मिग कंपनी की मदद से बनाया है। चीनी वायु सेना ने इसे 2017 में आधिकारिक रूप से अपने बेड़े में शामिल किया। चीन ने इस विमान के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। यह एक मध्य और लंबी दूरी का लड़ाकू विमान है जो जमीन पर भी हमला कर सकता है। इसमें अमेरिकी एफ-22 विमान से ज्यादा हथियार और ईंधन रखने की क्षमता है।
एफ/ए-18 ई/एफ सुपर हॉर्नेट
वर्तमान में सुपर हॉर्नेट अमेरिकी नौसेना का सबसे काबिल लड़ाकू विमान है। यह विमानवाही युद्ध पोतों से उड़ान भर कर हवा और सतह पर मार कर सकता है। बोइंग कंपनी का बनाया यह विमान ऑस्ट्रेलिया में भी प्रमुख लड़ाकू विमान के रूप में सेवा दे रहा है। इसमें नए इंजिन लगाए गए हैं और ज्यादा मिसाइलें लगाई जा सकती हैं।
यूरोफाइटर टाइफून
1986 में जर्मनी, इटली, यूके, और बाद में स्पेन ने मिल कर लड़ाकू विमान बनाने के लिए यूरोफाइटर कंसोर्टियम बनाया था। यह विमान उन्नत यूरोपीय मिसाइलों से लैस है और इसमें आधुनिक विमानन की उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। माना जाता है कि एफ-22 रैप्टर की तुलना में इसकी मारक क्षमता आधी है हालांकि यह एफ-15, फ्रेंच रफाएल, सुखोई 27 जैसे कई और विमानों से काफी बेहतर है।
राफाल
फ्रांस की दासो कंपनी ने इसे बनाया है जो फिलहाल वहां की वायु सेना और नौ सेना की सेवा में हैं। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस इस विमान की फुर्ती बेजोड़ है। यह एक वक्त में 40 निशानों का पता लगाने के साथ ही उनमें से चार पर एक साथ वार कर सकता है। भारत ने इसी विमान के लिए फ्रांस की सरकार से सौदा किया है।
सुखोई 35
रूस का यह विमान काफी तेज होने के साथ ही फुर्तीला भी है और लंबी रेंज के साथ ही ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने और भारी संख्या में हथियारों को ले कर चल सकता है। इसके 12 डैनों में 8000 किलो तक हथियार ले जाने की क्षमता है। इसके बड़े और ताकतवर इंजन लंबे समय तक उड़ान भरने में मददगार हैं। रूस ने यह विमान सुखोई 27 और मिग 29 की जगह लेने के लिए बनाए हैं।
एफ-15 ईगल
एफ-15 ईगल 30 साल से सेवा में है और यह अभी भी शत्रु की रक्षा पंक्ति को तोड़ने वाले विमानों में अग्रणी माना जाता है। इसने 100 से ज्यादा मारक हवाई हमले किए हैं और इसे शीत युद्ध के दौर का सबसे कामयाब लड़ाकू विमान माना जाता है। दुश्मन के इलाके में उड़ान भरते हुए भी यह उनके विमानों का पता लगाने और उन पर हमला करने में सक्षम है।
मिग-31
नाटो के हवाई हमलों और क्रूज मिसाइलों से बचने के लिए सोवियत रूस ने इस विमान को बनाया था। इसकी रफ्तार तेज है और यह ऊंची उड़ान भर सकता है हालांकि ऐसा करने के क्रम में इसकी फुर्ती थोड़ी कम हो जाती है। दुश्मनों के जहाज को यह दूर से ही अपनी मिसाइलों से ध्वस्त कर देता है। रूसी हवाई सुरक्षा में अहम जिम्मेदारी आज भी इसी विमान की है।
एफ-16 फाइटिंग फाल्कन
एफ 16 वास्तव में एफ-15 ईगल का ही हल्का और कम खर्चीला संस्करण है। एफ-15 से उलट यह हवा और जमीन दोनों जगहों पर वार कर सकता है। लॉकहीड मार्टिन ने बड़ी संख्या में यह विमान बनाए हैं और फिलहाल यह अमेरिका समेत 26 देशों की सेना में शामिल है। ये विमान छोटे और फुर्तीले हैं और इसका कॉकपिट पायलट को ज्यादा साफ देखने में मददगार है।