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Last Modified: बुधवार, 20 सितम्बर 2017 (15:50 IST)

लाखों की रकम से भरा लावारिस बैग लौटाया

लाखों की रकम से भरा लावारिस बैग लौटाया - German Iraqi refugees
बर्लिन में एक इराकी शरणार्थी ने बहुत बड़ी रकम से भरा बैग पुलिस को सौंप दिया। लाखों की तादाद में जर्मनी में शरण लेने पहुंचे विदेशी लोगों को अक्सर अपराधों से जोड़ कर देखा जाता है। ऐसे में यह एक सकारात्मक मिसाल है।
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक 16 साल की इराकी लड़की को शहर के सबवे में एक लावारिस हैंडबैग पड़ा मिला। बैग को उसने अपनी मां को लाकर दिया, जिसे मां ने पुलिस को ले जाकर सौंप दिया। पुलिस ने बताया है कि उस बैग में 14,000 यूरो (10 लाख रुपए से अधिक) के नोट भरे थे।
 
यह दोनों मां-बेटी बर्लिन के एक शरणार्थी गृह में रहती हैं। जर्मन कानून के तहत अब उस किशोरी को इनाम दिया जाना है। कानून ऐसा है कि बरामद हुई ऐसी किसी चीज के मूल्य का 3 फीसदी उसे लौटाने वाले को इनाम के तौर पर दिया जाता है। लेकिन अगर ऐसी कीमती चीज किसी सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क में मिली हो, तो इनाम की राशि आधी यानि 1.5 फीसदी हो जाती है।
 
पुलिस को पता चला है कि वह बैग एक 78 वर्षीया महिला का था जिसे वह भूल से सबवे ट्रेन में ही छोड़ गयी थी। ट्रेन नंबर यू6 में पैसों से भरा बैग छूटने की शिकायत इस महिला ने बर्लिन ट्रांसपोर्ट कंपनी से की थी। कंपनी को बहुत तलाशने के बाद भी कोई बैग नहीं मिला। लेकिन बाद में पूरी रकम से भरा बैग वापस लौटाए जाने की खबर से सब खुश हो गए।
 
ईमानदारी का परिचय देते हुए इतनी बड़ी रकम लौटाने वाली इराकी शरणार्थी लड़की को इनाम के रूप में 215 यूरो (करीब 16 हजार रुपए) मिल सकते हैं।
 
सन 2015 में कुल 2,727 इराकी लोगों ने जर्मनी में शरण लेने के लिए आवेदन किया था। इनमें से केवल 8 फीसदी लोगों का आवेदन ही स्वीकार हुआ। इस समय जर्मनी में करीब 40,000 इराकी शरणार्थी रह रहे हैं, जिनमें से ज्यादातर अब भी शरणार्थी गृहों और शिविरों में रहते हैं। 2016 में जर्मनी में शरण की मांग करने वालों में सीरियाई, अल्बेनियाई, कोसोवाई और अफगानी लोगों के बाद इराकी लोग पांचवां सबसे बड़ा समूह हैं।
 
आरपी/एनआर (डीपीए, एपी)
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