दूसरे ट्वंटी-20 मुकाबले में सीरीज बचाने उतरेगा भारत
मेलबोर्न। विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे में विजयी शुरुआत करने से चूक गई लेकिन उसका सारा ध्यान अब मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर शुक्रवार को होने वाले दूसरे ट्वंटी-20 पर लग गया है जहां जीत दर्ज कर उसका एकमात्र लक्ष्य सीरीज बचाना है।
भारत को गाबा में पहले मैच में डीएलवाई प्रणाली से 4 रन से हार मिली थी जिससे वह तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से पीछे हो गई है। ऑस्ट्रेलिया दौरे से पूर्व लगातार छह ट्वंटी-20 सीरीज जीतने वाली भारतीय टीम शुरुआत से जीत की दावेदार थी लेकिन ब्रिसबेन से पूर्व अपने पिछले चार मैच लगातार हारने वाली ऑस्ट्रेलिया ने उसे उलटफेर का शिकार बना दिया।
हालांकि अब दोनों टीमों के लिए एमसीजी में दूसरा मैच अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। भारत के लिए यह करो या मरो का मैच है तो ऑस्ट्रेलिया के पास इसे जीत 2-0 से सीरीज कब्जाने का सुनहरा मौका है। कप्तान ने पिछले मैच में हार के बाद हालांकि खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं बताई लेकिन बल्लेबाज शिखर धवन ने माना कि उनकी टीम ने अच्छे मौके गंवाए।
भारतीय टीम एक समय जीत के करीब थी लेकिन उसके अनुभवी बल्लेबाज रोहित शर्मा, लोकेश राहुल और खुद विराट भी जरूरत के समय सस्ते में आउट हो गए। धवन अकेले बल्लेबाज थे जिन्होंने 76 रन की अर्द्धशतकीय पारी खेल टीम को मैच में बनाए रखा।
भारतीय गेंदबाजी में मध्यम तेज गेंदबाज खलील अहमद ने महंगी गेंदबाजी की और रन लुटाए। खलील ने मात्र तीन ओवर में 14 के निराशाजनक इकोनोमी रेट से 42 रन दिए जबकि क्रुणाल पांड्या ने चार ओवर में 55 रन लुटाए जिसने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का हाथ खोल दिया। निचले क्रम पर क्रिस लिन, ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टोइनिस ने आखिरी ओवरों में तेजी से रन बनाए और इसने बाद में भारत के लिए वर्षा प्रभावित मैच में बड़ा फर्क पैदा कर दिया।
वहीं लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के बल्लेबाजों में धवन को छोड़कर बाकी खिलाड़ियों ने निराश किया। धवन को दूसरे छोर से कोई साझेदारी नहीं मिल सकी जबकि एडम जम्पा ने निचले क्रम की रन गति रोक सही समय पर प्रहार किया। आखिरी समय में दिनेश कार्तिक ने रन जुटाने की अच्छी कोशिश की लेकिन इसमें काफी देरी हो गई।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों जेसन बेहरेनड्रॉफ और बिली स्टेनलेक ने अतिरिक्त बाउंस से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया और उन्हें देर तक मैदान पर टिकने नहीं दिया। हालांकि देश और विदेश में पिछली ट्वंटी-20 सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम को कमतर नहीं आंका जा सकता है और उम्मीद है कि एमसीजी में वह वापसी कर पाएगी।
विराट ने भी कहा कि वह अब पूरा ध्यान एमसीजी मैच पर लगा रहे हैं क्योंकि यह मैच भारत के लिए अब करो या मरो का हो गया है। बल्लेबाजी में सुधार के साथ साथ भारत को गेंदबाजी में कमियों को सुधारना अनिवार्य होगा खासकर ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर महंगी गेंदबाजी से बचना होगा। पांच गेंदबाजों के साथ उतरे भारत को मैच में छठे गेंदबाज की जरूरत भी महसूस हुई।
चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव हमेशा की तरह पिछले मैच में भी 24 रन पर दो विकेट के साथ उपयोगी साबित हुए थे लेकिन बाकी गेंदबाजों को अपने खेल में सुधार करना होगा। इसके अलावा फील्डिंग में भी सुधार की जरूरत है। मैच में भारतीय फील्डरों ने दो बार कैच टपकाए थे जो अहम मौकों पर टीम को भारी पड़ा।
ऑस्ट्रेलिया के लिए वापसी कर रहे एंड्रयू टाई महंगे साबित हुए थे और कप्तान आरोन फिंच को उम्मीद है कि तेज गेंदबाज अगले मैच में अपनी लय हासिल कर पाएंगे। हालांकि विजयी आगाज और सीरीज में 1-0 की बढ़त से उसके हौंसले मजबूत हुए हैं जबकि भारत पर दबाव बना है जिससे उसे उबरना होगा। भारत ने इस मैदान पर 2015-16 में आखिरी बार ऑस्ट्रेलिया को हराया था और उसकी कोशिश इसे दोहराना होगा। (वार्ता)