बायो बबल की दास्तान: ब्रॉड ने 10 हफ्तों तक नहीं देखे थे इंसान, OTT भी नहीं दे रहा था साथ
इंग्लैंड भारत के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरज में तो स्टुअर्ट ब्रॉड पहले ही मैच के बाद चोटिल होकर बाहर हो गए थे। इंग्लैंड के इस तेज गेंदबाज को वार्मअप के दौरान दायें पैर की पिंडली में चोट लगी थी। लंदन में ब्रॉड का एमआरआई स्कैन किया गया जिसमें चोट की पुष्टि हुई थी और वह पूरी सीरीज से बाहर हो गए थे।
हालांकि यह सीरीज अपने आप में अधूरी रह गई क्योंकि कोविड संक्रमण से भयभीत हो चुके भारतीय खिलाड़ियों ने पांचवे टेस्ट में उतरने से मना कर दिया। इस कारण पांचवे टेस्ट पर अब तक संशय है। भारतीय खिलाड़ियों के मैदान पर ना उतरने की कई खिलाड़ियों ने आलोचना की लेकिन ब्रॉड की इस मुद्दे पर अलग राय है।
ब्रॉड ने एक अंग्रेजी अखबार में दिए गए अपने बयान में कहा कि,मुझे भारतीय टीम के साथ सहानुभूति है क्योंकि मैंने अहमदाबाद टेस्ट में जो सहा है वह हर कोई नहीं सह सकता। मुझे होटल के कमरे में 10 हफ्ते के लिए बंद कर दिया गया था। हमें दूसरे इंसानो को देखने नहीं दिया गया। इसके अलावा हमें अपने परिवारों से भी दूर रखा गया था। यहां तक की वाई फाई भी धीमा था तो ओटीटी प्लेटफॉर्म से मनोरंजन करने का साधन भी न के बराबर था।
ब्रॉड ने आगे कहा कि भारत दौरे के अंतिम टेस्ट तक आते आते हमें भी मानसिक थकान ने जकड़ लिया था। हमें ऐसा लग रहा था कि अंत में हम भी इस वायरस से संक्रमित हो जाएंगे तो यह भारतीय टीम को भी लग सकता है।
माइकल वॉन से विपरीत है मेरी सोच- ब्रॉडपांचवा टेस्ट रद्द होने के बाद माइकल वॉन ने यह आरोप लगाया था कि भारतीय टीम ने आईपीएल के लिए पांचवे टेस्ट की बलि दी है। इस मुद्दे पर स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा कि उनकी सोच इस मामले में वॉन से अलग है।
हालांकि ब्रॉड ने कहा कि हो सकता है आईपीएल ने भी पांचवे टेस्ट को रद्द करने में एक भूमिका निभाई हो लेकिन मैं भारतीय टीम के डर को महसूस कर सकता हूं इस कारण मेरी वॉन से सोच अलग है जो काफी मुखर रहते हैं।
एशेज खेलना चाहता हूं चाहे कितना भी कड़ा बायो बबल हो- ब्रॉडइस बात का अंदेशा है कि ऑस्ट्रेलिया में कोविड-19 को लेकर बनाए गए कड़े प्रोटोकॉल की वजह से कई खिलाड़ी इस दौरे से अपना नाम वापस ले सकते हैं। ब्रॉड चूंकि सिर्फ़ एक ही फ़ॉर्मेट में खेलते हैं इसलिए वह इस दौरे पर ज़रूर जाना चाहेंगे, साथ ही इस बात की उम्मीद की जा रही है कि अगर जो रूट समेत कई सीनियर खिलाड़ियों ने इस दौरे से नाम वापस ले लिया तो ब्रॉड को कप्तानी की ज़िम्मेदारी भी मिल सकती है।
ब्रॉड ने कहा,"अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं यही कहूंगा कि नवंबर में ऑस्ट्रेलिया की उड़ान भरने वाली फ़्लाइट में मैं मौजूद रहना चाहूंगा। मैं इसके लिए ख़ुद को फ़िट रखने की पूरी कोशिश में जुटा हूं, मैं आश्वस्त हूं कि इंग्लैंड की टीम इस दौरे पर 100 फ़ीसदी जाएगी। एशेज़ दौरे के लिए दल के चयन में अब क़रीब दो ही हफ़्तों का समय बचा है और इसके लिए हम सब बेक़रार हैं।"
(वेबदुनिया डेस्क)