रोहित शर्मा अपनी कप्तानी में भारतीय जमीन पर 3 टेस्ट हार चुके हैं। यह सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी की बराबरी कर चुके हैं। वहीं इस साल यह दूसरी बार है कि वह भारतीय जमीन पर 2 टेस्ट हारे हों। पहले इंग्लैंड और अब न्यूजीलैंड।
शुभमन गिल के फिट हो जाने पर टेस्ट टीम में उनको आना ही था लेकिन गौतम गंभीर केएल राहुल को लंबी रस्सी देना चाहते थे। ऐसा खुद टीम इंडिया के सहायक कोच रेयान टेन डोएशे ने कल मीडिया के सामने बयान दिया था।
इससे साफ पता चलता है कि रोहित शर्मा ने गौतम गंभीर को दरकिनार कर अपनी बात मनवाई और केएल राहुल की जगह शुभमन गिल को जगह दी। नहीं तो यह संभव नहीं था कि कोच कुछ और बयान दे और कप्तान कुछ और निर्णय ले।
अब देखना यह है कि क्या यह सिर्फ 1 बार की घटना है क्योंकि रोहित शर्मा अपनी नहीं चलाते तो केएल राहुल की जगह पिछले मैच में 150 रन बनाने वाले सरफराज खान ड्रॉप हो जाते। यहां से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के अंक भी महत्वपूर्ण होने वाले हैं। तो रोहित ने जोर लगाकर अपनी बात मनवा ली।
लेकिन यह अगर बार बार हुआ तो कोच और कप्तान में टकराव बढ़ेगा। शुरुआत तो केएल राहुल ने कर ही दी है। आने वाले दिनों में गौतम गंभीर अपनी बात मनवाएंगे और फिर रोहित शर्मा को कभी न कभी पीछे हटना पड़ेगा। बस भारतीय फैंस यह चाहेंगे कि इससे ड्रेसिंग रूम का माहौल खराब ना हो।
सोशल मीडिया या विशेषज्ञों के कहे अनुसार खिलाड़ियों का चयन नहीं होता: गंभीरभारतीय क्रिकेट टीम के कोच गौतम गंभीर ने केएल राहुल की हालिया फाॅर्म को लेकर उनका बचाव करते हुए कहा कि सोशल मीडिया या विशेषज्ञ के कहे अनुसार खिलाड़ियों का चयन नहीं किया जाता है।
गंभीर ने राहुल की फॉर्म पर कहा, “आप खिलाड़ियों को सोशल मीडिया के कारण या विशेषज्ञ जो कह रहे हैं उसके अनुसार नहीं चुनते हैं। आप उस हिसाब से चुनते हैं कि टीम प्रबंधन क्या सोचता है और क्या नेतृत्व ग्रुप सोचता है यह अहम है। अंतत: हर किसी को जज किया जाता है।”
उन्होंने कहा, “सच कहूं तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परखने के लिए ही है क्योंकि हर किसी के प्रदर्शन को तभी परखा जाता है, लेकिन मुझे लगता है कि राहुल बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने बंगलादेश के खिलाफ कानपुर की मुश्किल विकेट पर अच्छी पारी खेली थी। वह रणनीति के हिसाब से भी खेलते हैं। मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि वह भी बड़े रन बनाना चाहते हैं और उनमें इसकी काबिलियत है। यही वजह है कि टीम प्रबंधन ने उनका बचाव किया है।”
उन्होंने वॉशिंगटन के टीम से जुड़ने पर कहा, “हमने बस सोचा कि न्यूजीलैंड की टीम में प्लेइंग एकादश में चार या पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। हम चाहते हैं कि बाएं हाथ के बल्लेबाजों से बाहर गेंद निकले तो ऐसा गेंदबाज हमारे लिए उपयोगी है, लेकिन हमने अभी तक अपनी प्लेइंग एकादश पर कोई निर्णय नहीं लिया है।”
उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि उनके पास दो सलामी बल्लेबाज और मध्य क्रम में रचिन रविंद्र हैं जो बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। तो ऐसे में अगर वॉशिंगटन हमें मध्य में अधिक नियंत्रण दे पाए तो यह हमारे लिए अच्छा होगा।”
उन्होंने कहा, “एक बार न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज समाप्त हो जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले हमारे पास अभी भी लगभग 10 या 12 दिन हैं। यह हमारे तेज गेंदबाजों के लिए भी पर्याप्त ब्रेक है। लेकिन हम टेस्ट मैच के बाद भी इस बात पर नजर रखेंगे कि जसप्रीत बुमराह कहां हैं। लेकिन बात केवल बुमराह की नहीं है। यह सभी तेज गेंदबाजों के बारे में है। हम उन्हें ताज़ा रखना चाहते हैं। हम जानते हैं कि हमें ऑस्ट्रेलिया का एक लंबा दौरा और एक महत्वपूर्ण दौरा मिला है। उन्होंने कहा कि बुमराह का कार्य प्रबंधन इस बात पर निर्भर करता है कि इस टेस्ट का परिणाम क्या रहता है और वह इस मैच में कितनी गेंदबाजी करते हैं।”