अंतिम टेस्ट रद्द होने के बाद, फैंस का गुस्सा कोच और कप्तान पर फूटा, बोर्ड भी नहीं देगा कोई सजा
नई दिल्ली:भारतीय खेमे में कोरोना संक्रमण के कारण भारत और इंग्लैंड के बीच 5वां टेस्ट रद्द होने के बाद मुख्य कोच रवि शास्त्री की किताब के विमोचन के लिये लंदन में आयोजित समारोह पर सवाल उठ रहे हैं। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोटोकॉल की अवहेलना की गई थी।
चौथे टेस्ट से पहले एक पांच सितारा होटल में हुए उस समारोह के बाद शास्त्री, गेंदबाजी कोच भरत अरूण, फील्डिंग कोच आर श्रीधर और फिजियो नितिन पटेल पॉजिटिव पाये गए। इन सभी को टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं। भारतीय टीम के सहायक फिजियो योगेश परमार भी पॉजिटिव पाये गए हैं जिसके बाद भारतीय टीम ने पांचवां मैच नहीं खेलने का फैसला किया। भारतीय कप्तान विराट कोहली और उनके साथी खिलाड़ी उस समारोह में मौजूद थे जिसमें बाहरी मेहमान भी आये थे।
पांचवे टेस्ट में ज्यादातर समीकरण भारत के पक्ष में थे लेकिन मैच नहीं हो पाया। भारत 2-1 की बढ़त ले चुकी थी। यह सीरीज वह हार नहीं सकती थी अंतिम टेस्ट ड्रॉ भी हो जाता तो भी सीरीज बराबरी पर रुकती। हालांकि इसकी संभावना कम ही लग रही थी क्योंकि ज्यादातर बल्लेबाज और गेंदबाज फॉर्म में दिख रहे थे। कप्तान जो रूट को सस्ते में आउट करने का फॉर्मूला भी चौथे टेस्ट तक आते आते टीम ने ढूंढ लिया था। इस कारण क्रिकेट फैंस कोच रवि शास्त्री और विराट कोहली की इस हरकत पर खासे नाराज है। इस मसल पेर ट्विटर पर कुछ ऐसे ट्वीट्स देखने को मिले
रवि शास्त्री ने कार्यक्रम के लिए बीसीसीआई से नहीं ली अनुमति
इस कार्यक्रम में ब्रिटेन में नियमों में रियायत के कारण किसी ने भी मास्क नहीं पहन रखा था। पता चला है कि शास्त्री या कोहली ने टीम होटल में हुए उस समारोह में भाग लेने के लिये बीसीसीआई से लिखित अनुमति नहीं ली थी।
बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, अध्यक्ष सौरव गांगुली या सचिव जय शाह से अनुमति नहीं ली गई। शायद उन्हें लगा कि ब्रिटेन में स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों में ढील है तो अनुमति की जरूरत नहीं है।” टीम के प्रशासनिक मैनेजर गिरीश डोंगरे का काम इस तरह के समारोहों के लिये तमाम कागजी कार्रवाई पूरी करना और यह सुनिश्चित करना है कि प्रोटोकॉल का पालन किया जाये।
शास्त्री और कोहली को नहीं मिलेगी सजाबीसीसीआई अधिकारी ने कहा, टी20 विश्व कप से पहले इस हरकत के लिये शास्त्री या कोहली को सजा मिलने की संभावना नहीं है। उसके बाद शास्त्री जा ही रहे हैं। कोहली कप्तान है तो उसे भी सजा नहीं मिलेगी। डोंगरे से पूछा जा सकता है कि बतौर प्रशासनिक मैनेजर उन्होंने क्या किया।
अधिकारी ने कहा, बीसीसीआई चाहता था कि वे खेलें लेकिन कुछ सीनियर खिलाड़ी इतने डरे हुए थे कि दोनों बोर्ड उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हो गए। वह दस दिन और पृथकवास और बबल में रहने से डर गए थे। लेकिन उन्होंने उस समय समझदारी क्यों नहीं दिखाई जब शास्त्री की किताब के विमोचन में जाने के लिये हामी भर दी।