• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. व्यापार
  3. समाचार
  4. Reserve Bank of India repo rate
Written By
Last Modified: गुरुवार, 4 अप्रैल 2019 (19:43 IST)

उद्योग जगत ने रेपो रेट में आगे और कमी की उम्मीद जताई

उद्योग जगत ने रेपो रेट में आगे और कमी की उम्मीद जताई - Reserve Bank of India repo rate
नई दिल्ली। देश के उद्योग जगत ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चालू वित्त वर्ष की पहली द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कटौती का स्वागत करते हुए कहा कि लगातार दूसरी कटौती से निवेश एवं आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा तथा मांग में भी तेजी आएगी। हालांकि उद्योग जगत ने कहा कि उसे अपेक्षाकृत अधिक कटौती की उम्मीद थी।
 
रिजर्व बैंक ने गुरुवार को रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया। इससे कर्ज के सस्ता होने का अनुमान है। यह पिछले एक साल की न्यूनतम रेपो दर है।
 
उद्योग संगठन फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हम रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर कम करने का स्वागत करते हैं। हालांकि हमें नरम मुद्रास्फीति, तरलता की स्थिति तथा निर्यात की वृद्धि एवं औद्योगिक उत्पादन सुस्त पड़ने के मद्देनजर अधिक कटौती की उम्मीद थी। हमारा मानना है कि रेपो दर में लगातार दूसरी कटौती से खुदरा एवं कॉरपोरेट दोनों तरह का कर्ज सस्ता होगा। 
 
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर में कटौती से भारतीय उद्योग जगत को सकारात्मक संकेत मिले हैं। उद्योग जगत की धारणा है कि इस बार 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद अगली बैठक में भी 0.25 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। 
 
उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने कहा कि रिजर्व बैंक के इस निर्णय से आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। संगठन के अध्यक्ष राजीव तलवार ने कहा कि इस कटौती से निवेश एवं आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा तथा मांग में भी तेजी आएगी।
 
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि नरम मुद्रास्फीति तथा आर्थिक वृद्धि को लेकर आ रही चिंताओं के समय में वृद्धि दर को समर्थन देने पर रिजर्व बैंक के जोर देने का संकेत इस निर्णय में मिलता है। उन्होंने बैंकों द्वारा उपभोक्ताओं को रेपो दर में कटौती का फायदा देने की उम्मीद भी जाहिर की।
ये भी पढ़ें
आडवाणी का दर्द उमड़ा, हमने विरोधियों को देशद्रोही नहीं माना